सर्वोदय विद्यालयों में हर्षोल्लास के साथ मना संविधान दिवस

संविधान देश की आत्मा है। इस उक्ति को सार्थक बनाने के उद्देश्य से प्रदेश भर के जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों में राष्ट्रीय संविधान दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित इन विद्यालयों में संविधान दिवस का शुभारंभ शिक्षकों ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को भारत के संविधान के बारे में जानकारियां दी गईं। साथ ही संविधान की प्रस्तावना का वाचन करते हुए प्रभारी प्रधानाचार्य, समस्त शैक्षणिक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं को शपथ दिलवाई गई।
शिक्षकों ने छात्र-छात्राओं को भारत के संविधान के इतिहास, निर्माण व महत्वपूर्ण अध्यायों, अनुच्छेदों एवं उससे जुड़े संशोधनों के संबंध में जानकारी दी। विद्यालय की छात्र-छात्राएं भी पीछे नहीं रहीं। छात्र-छात्राओं ने भी ‘देश के संविधान की महत्ता’ विषय पर भाषण दिया। इसके बाद प्रभारी प्रधानाचार्य द्वारा भारत के संविधान की विशेषता और महत्व पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने भारतीय संविधान पर अपने विचार रखते हुए कहा कि प्रत्येक भारतीय के लिए 26 नवंबर का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वर्ष 1949 में इसी दिन संविधान सभा ने वर्तमान संविधान को विधिवत रूप से स्वीकार किया था। उन्होंने कहा कि इसी दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी मनाते हैं। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य नागरिकों द्वारा संविधान के प्रति निष्ठा तथा सम्मान रखना है।

प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन
विद्यालयों में संविधान दिवस को लेकर भाषण, क्विज और वाद-विवाद प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं, जिसमें छात्र-छात्राओं द्वारा उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया गया। प्रतियोगिताओं का प्रमुख केंद्र बिन्दु भारतीय संविधान के प्रमुख तत्व एवं उनकी उपयोगिता थी। सभी प्रतियोगिताएं रोमांचक और उत्साहवर्धक रहीं। कार्यक्रम के अंत में विभिन्न प्रतियोगिताओं में पहला, दूसरा और तीसरा स्थान पाने वाले विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर प्रभारी प्रधानाचार्य, शिक्षक और सभी छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं।

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