ग्राम रोजगार सेवक संघ ने अपनी दस सूत्री मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

ग्राम रोजगार सेवक संघ ने अपनी दस सूत्री मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

कौशाम्बी– कौशांबी जनपद में ग्राम रोजगार सेवक संघ ने सरकार से अपनी दस सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा ग्राम रोजगार सेवक संघ ने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री को घोषणा पत्र भेजा जिसमें पहली मांग ग्राम रोजगार सेवक एवं मनरेगा कर्मियों के संबंध में की गई घोषणाओं के आदेश जारी किए जाएं ग्राम रोजगार सेवकों के मूल ग्राम पंचायतों के साथ-साथ रिक्त ग्राम पंचायतों में भी कार्य लिया जाए कोविड-19 के अतिरिक्त आकस्मिक दुर्घटनाओं आकस्मिक मृत्यु होने पर उसके आश्रित को सेवा में समायोजित किया जाए राज्य वित्त केंद्रीय वित्त व अन्य निधियों में श्रमिकों का भुगतान मनरेगा से किया जाए इस संबंध में भारत सरकार द्वारा अभिसरण हेतु 2016-17 में शासनादेश भी जारी किया गया है ईपीएफ कटौती की धनराशि कर्मचारियों के यूएएन खाते में भेजी जाए अनुमोदन से विरक्त रोजगार सेवकों का अनुमोदन करवाते हुए ग्राम पंचायतों में योगदान दिया जाए ग्राम रोजगार सेवकों को नियमित करते हुए राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए पूर्व वित्तीय वर्षों में बकाया मानदेय भुगतान हेतु निर्देश जारी कराया जाए बिल बाउचर मास्टर रोल पर अनिवार्य हस्ताक्षर व श्रमिकों की डिमांड ग्राम रोजगार सेवक से ही लिया जाए प्रत्येक माह प्रदेश स्तर जनपद स्तर पर समस्याओं के निस्तारण हेतु बैठक की तिथि निर्धारित की जाए रोजगार सेवक संघ ने अपने ज्ञापन में दर्शाया की वर्तमान में 7788 रुपए मानदेय मिल रहा है परंतु 2218 रुपए विगत 10 माह बाद भी ईपीएफ के यू ए एन खाते में जमा नहीं किया गया है जिससे किसी भी मनरेगा कर्मी की मृत्यु के बाद उसके आश्रित को लाभ नहीं मिल पाता है उन्होंने कहा 31 मई 2022 को पत्रांक संख्या 1086 ग्राम पंचायतों में भी कार्य लिया जाए ।

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