✒️रिपोर्ट – वरिष्ठ पत्रकार पवन साहू
🗞️ किसी ने सही कहा है सत्ता और पैसा जिसके हाँथ लग जाए वह फिर किसी कायदे कानून को नहीं मानता ऐसा ही कुछ देखने को मिला है सिराथू मे करोड़ों की लागत से बने रेलवे ओवर ब्रिज पर कड़ा धाम के जाने-माने विख्यात संत मलूक दास के नाम से बने हुए साइन बोर्ड पर सत्ता पक्ष के चहेतों ने अतिक्रमण कर लिया है और किसी की क्या मजाल की इन पर उंगली उठा सके क्योंकि उंगली उठाने का कार्य वही कर सकते हैं जो सत्ता पक्ष में हों या सत्ता पक्ष के चाहते हों।
इन लोगों ने ऊपरगामी ब्रिज में बने हुए महान संत मलूक दास और उनके नाम को अपनी तस्वीर के नीचे दबा दिया है क्योंकि उनकी नजरों में वह महान संत से भी कई गुना ऊपर हैं।
संत मलूक दास रेल ऊपरिगामी सेतु जो की उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड और लोक निर्माण विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से बनाया गया है उसपर लगाया गया साइन बोर्ड संत मलूक दास जी के प्रति सत्ता पक्ष के शीर्ष नेतृत्व की आस्था को दर्शाता है पर क्षेत्रीय पदाधिकारीयों को इन सब चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ता उन्हें तो सिर्फ प्राइम लोकेशन पर अपनी तस्वीरों को लगवाने से मतलब है उसके पीछे किसी संत की तस्वीर है किसी भगवान की तस्वीर है या किसी राष्ट्र भक्ति की इन सब चीजों से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।
अब सवाल यह उठता है कि शासन प्रशासन से जुड़े हुए अधिकारी इन लोगों पर कार्यवाही करते हुए साइन बोर्ड को अतिक्रमण से मुक्त करवाएगें या सिर्फ मूक दर्शक बनकर तमाशा देखते रहेंगे।