कैलाश चौधरी ने बालोतरा में पेटीकोट उद्योग एवं पचपदरा में मटका निर्माण से जुड़े हस्तशिल्पियों से किया सवांद
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई वो ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के तहत त्योहारों एवं विशेष अवसरों पर खरीद के दौरान स्थानीय हस्तशिल्प कलाकारों को प्रोत्साहित करने का आह्वान करते हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बालोतरा में पेटीकोट उद्योग एवं पचपदरा में मटका निर्माण उद्योग से जुड़े लोगों से मुलाकात कर किया संवाद
बालोतरा/पचपदरा
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने मंगलवार को संसदीय क्षेत्र बाड़मेर के बालोतरा एवं पचपदरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान ‘वोकल फॉर लोकल’ के तहत हस्तशिल्प कलाकारों से मिलकर उनकी कार्य पद्धति को समझा तथा समस्याओं के समाधान को लेकर संवाद किया। केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने पहले बालोतरा में पेटिकोट निर्माता महेंद्र एवं सुरेश परिहार की पेटिकोट निर्माण फैक्ट्री में पहुंचकर स्थानीय व्यापारियों एवं महिला हस्तशिल्प कलाकारों से मुलाकात की तथा पेटिकोट की सिलाई कर रही महिलाओं से बातचीत की।
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि बालोतरा का पॉपलीन कपड़ा उद्योग प्रसिद्ध है, इसमें भी पेटीकोट निर्माण उद्योग स्थानीय क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपनी अलग पहचान रखता है। इस उद्योग से स्थानीय स्तर पर हमारी माताओं बहनों को भी रोजगार प्राप्त होता है। केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत और ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के तहत त्योहारों पर उपहार के रूप में खादी, हथकरघा और हस्तशिल्प के साथ साथ स्थानीय उत्पादों तथा पैकिंग के लिए गैर प्लास्टिक बैग का उपयोग करने की अपील की है। मैं भी आप सभी से त्यौहारों या खुशियों के अन्य अवसरों पर हमारे स्थानीय हस्तशिल्प कलाकारों को प्रोत्साहन देने तथा उनसे खरीददारी करने का विशेष आग्रह करता हूँ।
इसके बाद केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी पचपदरा में देवजी भाई मटकी वाले एवं जगदीश प्रजापत के प्रतिष्ठान पर जाकर चाक पर स्थानीय मिट्टी से बन रहे मटका निर्माण उद्योग को प्रोत्साहित किया। साथ ही हस्तशिल्प कला की अपनी परंपरागत विरासत को बढ़ावा देने के लिए प्रजापत समाज की सराहना की। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि माटी के स्वाद को समाहित करने वाले मटका उद्योग को धरोहर के रुप में संरक्षित करना अतुल्य है। मिट्टी से बनी हस्तनिर्मित वस्तुएं जैसे मटके, तवे, बोतले आदि वस्तुएं पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी उपयोगी है। मिट्टी से बना मटका तो प्राकृतिक आरओ’ ही है। कैलाश चौधरी ने कहा कि आगामी त्योहारों की श्रृंखला मे सभी देशवासियों से अपील है कि स्थानीय स्तर पर निर्मित उत्पादों की खरीद को बढ़ावा दें तथा “लोकल फॉर वोकल” अभियान में अपनी सहभागिता निभाए।