पट्टा देने के नाम पर लेखपाल ने निराश्रित हरिजन महिला से लिया था 1 लाख बीस हजार रुपया

पट्टा देने के नाम पर लेखपाल ने निराश्रित हरिजन महिला से लिया था 1 लाख बीस हजार रुपया।

(विधवा महिला ने लेखपाल को दिए थे पाँच वर्ष पूर्व रुपए, आज तक ना तो पट्टा मिला और ना ही रूपए देने को तैयार है लेखपाल)

(नही मिला रूपया/पट्टे का कागज तो आत्म हत्या करने पर हूँ मजबूर)

रिपोर्ट दिलीप भटट गोण्डा।

मनकापुर – गोण्डा। तहसील मनकापुर विकास खंड छपिया अंतर्गत ग्राम पंचायत तेज पुर मे तैनात रहे लेखपाल राज कुमार ने हथियागढ के बगल स्थित बंजर भूमि का पट्टा करने के लिए जानकी देवी पत्नी राम सवारे से (1,20000)एक लाख बीस हजार रुपए मागा था।जानकी देवी ने बताया की मैने लेखपाल से समय मांग कर अपने जेवरात बेच कर व कुछ कर्जा लेकर पैसा इकट्ठा कर लेखपाल को बताया तो लेखपाल नेअगले हफ्ते की बात किया।मैने अपना सारा पैसा अपने बैंक मे जमा कर दिया।जब लेखपाल राज कुमार ने दोबारा पैसा मांगा तो मैने अपने खाता सं0 21861074771 से लेखपाल के खाता सं0- 0021847311279 मे 65000 हजार रुपए दिनांक 31/05/2017 को तथा पुन:अपने दामाद के खाते से दिनांक 11/07/2017 को 25000 हजार रुपए स्थानांतरित कर दिए तथा 30000 हजार रुपए तीन किस्तो मे दे दिए ।कुल मिलाकर लेखपाल राज कुमार को मैने (120000)(एक लाख बीस हजार) रुपए दिए। परन्तु लेखपाल ने ना तो पट्टा ही किया और ना ही धनरास ही देने को तैयार है।अब जब मै अपना पैसा मांगने लगी तो लेखपाल पैसा देने मे आना- कानी कर रहे है। मैने इसकी सिकायत तहसील दार व उप जिला अधिकारी मनकापुर से किया।लेकिन अभी तक मुझे न्याय नही मिला प्रार्थिनी ने उप जिला अधिकारी को दिए सिकायत पत्र मे लिखित देकर कहा की अगर मुझे मेरा रूपया/पट्टे का कागज नही मिला तो मै आत्म हत्या करने पर मजबूर हूॅ।अब देखने की बात यह होगी की पूरी तरह भ्रष्टाचार मे संलिप्त लेखपाल राज कुमार पर तहसील के अधिकारियो द्वारा कठोर कार्यवाही की जाती है या भ्रष्टाचारी लेखपाल के खेल को अनदेखा किया जाता है।

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