FATEHPUR- दसों साल पहले हो गया विद्युतीकरण पर आज तक नहीं हुआ उजाला

दसों साल पहले हो गया विद्युतीकरण पर आज तक नहीं हुआ उजाला

यूपी फाइट टाइम्स
ठा. अनीष रघुवंशी

फतेहपुर– जनपद में बहुत से गांव ऐसे हैं जो आज भी आजादी से लगाकर अब तक असुविधाओं के दंश झेल रहे हैं ऐसा ही एक गांव विजयीपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत गढ़ा का चतुरपुर है जहां आजादी से आज तक सरकार का उजियारा गरीब परिवारों तक नहीं पहुंच सका है और आज भी वहां के लोग अंधेरे में रह रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक विजयीपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत गढ़ा विकासखंड की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है जहां करीब आधा सैकड़ा गांव है और पूरे ग्राम पंचायत में एक बड़ी जनसंख्या है लेकिन इस ग्राम पंचायत का एक गांव चतुरपुर है जहां आजादी से आज तक विद्युत विभाग के द्वारा उजियारा नहीं हो सका है ज्ञात हो कि बसपा शासनकाल में जनपद में सांसद रहे महेंद्र निषाद की पहल पर इस गांव में विद्युतीकरण हुआ था जिसमें रिलायंस कंपनी ने टेंडर लिया था गांव में विद्युतीकरण हो गया ट्रांसफार्मर भी लग गया लेकिन इसके बाद कई दशक बीत जाने के बावजूद भी ना तो उन खंभों पर कनेक्शन हुआ और ना ही आज तक गांव में बल्ब का उजियारा ग्रामीणों ने देखा बात यहीं पर नहीं खत्म होती कागजी अभिलेख में गांव में बराबर बिजली दी जा रही है ग्रामीणों के घरों में बराबर विद्युत विभाग द्वारा बिजली का बिल भी आ रहा है जिसे देखकर गांव के लोग हैरान हो रहे हैं हालांकि कई बार ग्रामीणों ने नजदीकी केंद्र किशनपुर में लिखित शिकायत भी की और कई बार मुख्यमंत्री पोर्टल के द्वारा आईजीआरएस में भी शिकायत की गई लेकिन आज तक ग्रामीणों को संतोषपूर्ण जवाब नहीं मिला है और सभी ने मामले से पल्ला झाड़ा है ज्ञात हो कि यमुना कटरी क्षेत्र का यह गांव निषाद समाज का है जहां हमेशा चुनाव के दरमियान तमाम नेता जनप्रतिनिधि ग्रामीणों को अपना हितेषी मानकर चुनावी दावे करते हैं और ग्रामीणों की हर समस्या का समाधान करने का दावा करते हैं लेकिन चुनाव होने के बाद ग्रामीणों को फिर उसी हाल में रहना पड़ता है यहां के ग्रामीणों को सिर्फ आज तक जनप्रतिनिधियों से मात्र आश्वासन ही मिल सका है वहीं अगर बात की जाए तो मौजूदा समय में डबल इंजन की सरकार का लाभ भी परिवारों को नहीं मिल सका है जबकि निषाद पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन के बाद इस गांव के लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को खुलकर मतदान किया था लेकिन क्षेत्रीय नेताओं व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते यह गांव आज तक मात्र सोलर पाइनल के उजियारे के सहारे ही चल रहा है ।

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