कैसे बनेगा निपुण भारत देश और कब सुधरेगी शिक्षा में नीति

कैसे बनेगा निपुण भारत देश और कब सुधरेगी शिक्षा में नीति
यूपी फाइट टाइम्स
रिपोर्ट- करीम खान विशेष संवाददाता उत्तर प्रदेश।

महमूदाबाद-सीतापुर,

एक तरफ जहां भारत सरकार द्वारा बेसिक शिक्षा को गुणवत्ता परक बनाने के लिए निपुण भारत मिशन योजना को बहुत जोर- शोर से चला रही है, तो वहीं दूसरी तरफ शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी और प्राथमिक शिक्षक संघ के कुछ पदाधिकारी इस योजना में पलीता लगाने का काम कर रहे हैं,

अभी कुछ माह पूर्व संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में वर्तमान पार्टी का विरोध करते हुए प्राथमिक शिक्षक संघ ने समाजवादी पार्टी की मदद करते हुए बी टीम की तरह पूरे प्रदेश में काम किया था, बात इतनी रहती तब तो गनीमत थी, मगर यहाँ पर नौनिहालों के भविष्य से भी खिलवाड़ किया जा रहा है, जिसके लिए वर्तमान सरकार नौनिहाल छात्र छात्राओं के लिए अनेकों अनेक प्रयास कर रही है, आपको विदित करा दें कि विगत 5 वर्षों से मौजूदा योगी आदित्यनाथ की सरकार नौनिहालों के भविष्य को लेकर प्रयास कर रही है,
आपको बताते चलें जनपद सीतापुर के विकासखंड महमूदाबाद के सं0 विद्यालय रसूलाबाद का एक प्रकरण प्रकाश में आया है,
इस विद्यालय में कार्यरत सहायक अध्यापक अनुज कुमार वर्मा जोकि प्राथमिक शिक्षक संघ के संगठन मंत्री मनोनीत किए गए हैं, जानकार सूत्रों की माने तो सहायक अध्यापक अनुज कुमार वर्मा लगभग विगत 3 वर्षों से विद्यालय ना जाकर बी आर सी महमूदाबाद के परिसर में डेरा जमाये हुए हैं, आपको जानकारी देते चलें कि तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी की शह पर तकनीकी सपोर्ट की आड़ में मनमाने ढंग से अपना एक छत्र राज्य स्थापित कर रखा है, यह तब की स्थिति है, जब उत्तर प्रदेश के पर्शदीय विद्यालयों के महानिदेशक के द्वारा इस प्रकरण को लेकर स्थानीय स्कूल शिक्षा को प्रदेश स्तर पर लाने हेतु एक मुहिम छोड़ी गयी थी,
उपरोक्त प्रकरण को लेकर आदेश पत्र जारी कर उत्तर प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षाधिकारियों से कड़ाई से पालन करने को कहा गया था, आपको बताते चलें कि उच्चाधिकारी के इस पत्र में साफ साफ लिखा था, कि किसी भी स्थिति में कोई भी अध्यापक अपने विद्यालय को छोड़कर अन्य किसी कार्यालय में सम्बद्ध नहीं रहेगा,परंतु तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी महोदय की इतनी कृपा रही कि कभी छात्र छात्राओं के आधार नामांकन के बहाने तो कभी किसी बहाने संरक्षण दिया गया,
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ द्वारा अनेकों बार ब्लॉक और जनपद पर प्रयास करने के बाद जबकि स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ तब मंडलीय शिक्षा निदेशक को इस प्रकरण से अवगत कराया गया, महोदय के द्वारा संज्ञान लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को इस संदर्भ में कार्रवाई हेतु आदेशित किया गया, परंतु यहां पर भी ढाक के तीन पात जैसा ही दिखाई दिया, संगठन मंत्री को कागज पर तो रिलीव कराते हुए विद्यालय पुनः ज्वाइन कराया गया परंतु उनके रौब में कोई कमी नहीं पाई गई अभी भी वह विद्यालय में नहीं पाए जाते, कभी खंड शिक्षा अधिकारी महोदय के साथ पाए जाते हैं, तो कभी ब्लॉक संसाधन केंद्र में सहयोग के नाम पर पाए जाते हैं, ऐसा लगता है कि संगठन मंत्री ने कसम खा रखी है, कि मैं अपने विद्यालय में शिक्षण कार्य नहीं करेंगे, बाकी कुछ भी करवा लो, ऐसी स्थिति में ग्रामीण क्षेत्र के नौनिहालों को कैसे शिक्षा मिलेगी, और केसे भारत देश के ग्रामीण क्षेत्र के नौनिहालों को शिक्षा में आगे जाने का मौका मिलेगा, यह तो तर्क संगत बात है, अब सोचने वाली बात यह है, कि भारत देश के भावी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने कैसे साकार होंगे,और भारत देश कैसे निपुण होगा,
खबर लिखे जाने तक सहायक अध्यापक अनुज कुमार वर्मा विद्यालय में मौजूद नहीं थे,
अब देखना यह है कि उत्तर प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी इस प्रकरण को किस नजरिये से देखते हैं,

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