जिसके समझाने से आप सतसंग में आये और गुरु से मिले नाम का कर्जा अदा करो, लोगों के कलयुगी गुण हटाओ, बचो-बचाओ सतयुग देखो-दिखाओ
अमरावती (महाराष्ट्र)जान-अनजान में मनुष्य द्वारा बनने वाले गलत कर्मों की मिलने वाली सजा से चेताने वाले, वक़्त के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त महाराज जी ने 25 जनवरी 2024 प्रात: अमरावती (महाराष्ट्र) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि जो भी अपराधी बन जाएगा, चाहे जिस जाति मजहब का हो, जो आदमी को, जानवरों को मारेगा, जो आदमी के उपयोग की चीजों का नुकसान करेगा, उसका होगा खात्मा, वह नहीं बचेगा। यह बात आज आपको पौष पूर्णिमा के दिन आज 2024 के साल में अमरावती की धरती पर बता करके जा रहा हूं।
बचो और बचाओ
सतयुग देखो और दिखाओ और कलयुग को हटाओ। लोगों में जो कलयुगी गुण, कलयुग के दोष आ गए हैं, उनको हटाओ, लोगों को बताओ, समझाओ। आपको भी तो किसी ने समझाया होगा तब तो आप यहां आए हो (सतसंग) सुनने के लिए। आपको किसी ने बताया होगा नाम दान ले लो, भजन करो, आपके घर से बीमारी, लड़ाई-झगड़ा चला जाएगा, रुपया-पैसा में बरकत होने लगेगी, टेंशन खत्म हो जाएगा तब तो आप यहां पहुंचे। गुरु महाराज ने जैसा बताया, जब वैसा आपने किया, आपको फायदा हुआ तो क्या उसको (नये लोगों को) नहीं होगा? उनको भी होगा।
नामदान गुरु से मिला उस कर्ज को करो अदा
उस कर्ज को अदा कर दो, जो दूसरे के बताए अनुसार आप (गुरु के पास) पहुंचे थे, दूसरों के कर्ज को अदा कर दो। गुरु ने बताया, गुरु ने जो अनमोल चीज दिया, गुरु ने दीन्ही अजब जड़ी, जो मीरा ने कहा- पायो री मैने, नाम रतन धन पायो, वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु, कृपा कर अपनायो। जो नाम रतन आपको मिला है, उसका कर्ज अदा कर लो।
बराबर प्रचार प्रसार करो
बराबर लोगों को समझाओ, शाकाहारी का प्रचार करो, बराबर सुमिरन ध्यान भजन करते रहो, साप्ताहिक सतसंग जो आप करते हो, करो। नहीं जहां होता है, वहां स्थापित कर दो। नए-पुराने को वहां बुलाओ, नाम दान समझाओ। जो नहीं जानते हैं, नहीं याद किए हैं, याद कराओ, यह सब काम करो।
परमार्थी काम करने से धन में बरकत होती है
परमार्थी काम करो। जो भी त्रयोदशी का, पूर्णिमा का भंडारा आप करते हो, बराबर उसको करते रहो। जनहित का जो काम करते हो, करते रहो। रोटी खिलाना, पानी पिलाना आदि पुण्य का काम होता है। यह भी पुण्य का काम करते रहो। इससे धन में बरकत होती है, कर्म कटते हैं तो यह भी काम आप करते रहो। कोई कितना भी कहे, गुलाबी कपड़ा मत उतारना।