आर पी यादव ब्यूरो यू पी फाइट टाइम्स
कौशांबी//कौशाम्बी जिला सहारनपुर, बिजनौर, प्रयागराज और प्रतापगढ़ के किंचित माध्यमिक विद्यालयों में आयोजित अपना शैक्षिक कार्यक्रम सम्पन्न कराने के उपरान्त विद्या संवाद यात्रा ने आज कौशाम्बी में अपना पड़ाव डाला। संवाद यात्रा का प्रमुख उद्देश्य विद्यालयों में अध्ययन कर रहे माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों को यू०पी० बोर्ड की वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी कराना है। इसके अलावा कक्षा 10 से 12 तक के बच्चों को नयी शिक्षा नीति-2020 के अन्तर्गत शामिल व्यावसायिक शिक्षा के वैकल्पिक विषयों की सम्यक् जानकारी देना है।
विद्या संवाद यात्रा-2024 को लक्ष्यभेदी, सार्थक तथा उपयोगी बनाने के उद्देश्य से विद्या शोध एवं विकास प्रकोष्ठ के तीन नितान्त विद्वान एवं अनुभवी परीक्षा विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिखित पुस्तक ‘द एग्जाम वॉरियर्स’ के महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं का जिक्र करते हुए परीक्षार्थियों को अभिप्रेरित किया।
वक्ताओं ने परीक्षार्थियों से निडरतापूर्वक, धैर्य एवं साहस के साथ परीक्षाओं का सामना जीवन के किसी उत्सव की माफिक हँसते-खेलते हुए करने की शिक्षा दी।
वक्ता राजीव ओबरॉय ने दसवीं व बारहवीं कक्षा के परीक्षार्थियों को बताया कि वे सकारात्मक सोच से परिपूरित होकर परीक्षा दें। उन्होंने कहा कि सफलता के मार्ग में उतार-चढ़ाव के साथ निराश करने वाली कठिनाइयों का सम्मुख आना स्वाभाविक है; किन्तु हमें इस बात से प्रेरणा लेनी चाहिए कि दिक्कतें तो हर महान व्यक्ति तथा इतिहासपुरुष के मार्ग में हर बार आयी हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारे विद्यालय में ऐसी प्रत्येक परिस्थिति में संकट का समाधान करने की असाधारण शक्तियों ने सामने आकर शिक्षार्थियों को अभूतपूर्व प्रेरणा प्रदान की है। ओबरॉय जी ने काव्य की पक्तियाँ दोहरायीं, ‘‘माना कि अँधेरा घना है लेकिन दीपक जलाना कहाँ मना है।’’ अँधेरा जितना सघन होता है दीपशिक्षा का प्रभामण्डल उतना ही तीव्र व व्यापक होता है।
आज की संवाद यात्रा जिन विद्यालयों से होकर गुजरी उनके नाम हैं—डॉ० भीष्म सिंह कुसुम इण्टर कॉलेज, सराय अकली; पं० यज्ञदत्त त्रिपाठी इण्टर कॉलेज, दानपुर अषाढ़ा; एम०आर०यू०एन० इण्टर कॉलेज, गोविन्दपुर गोरियों; आदर्श ग्राम सभा इण्टर कॉलेज, चखा, कौशाम्बी।
आर० एण्ड डी० प्रकोष्ठ के निदेशक डॉ० जय शंकर आत्रेय ने मेधावी छात्र-छात्राओं को ट्राफियाँ व डायरियाँ प्रदान कर उत्साहित तथा प्रेरित किया। उन्होंने बच्चों की प्रशस्ति भी की। डॉ० आत्रेय ने विद्यालयों के गुरुजनों को सम्मान प्रतीक प्रदान करते हुए उनका हार्दिक अभिनंदन किया।