अंतरा लगाकर परिवार नियोजन सेवाओं के लिए नजीर बनीं अर्चना
57 महिलाओं को लगा चुकीं हैं अंतरा की 102 डोज
अपनी टीम के साथ परिवार नियोजन कार्यक्रम को बढ़ावा दे रहीं एएनएम
धनंजय पाण्डेय
कुशीनगर 03 जून 2022 नेबुआ नौरंगिया ब्लाॅक के उप स्वास्थ्य केन्द्र खजुरी की एएनएम अर्चना विश्वकर्मा अपनी टीम के साथ परिवार नियोजन कार्यक्रम को गति दे रहीं है। वह एक साल में 57 महिलाओं को त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन की 102 डोज लगाकर स्वास्थ्य विभाग में नजीर बनी गयीं हैं। इतना ही नहीं वह गर्भ निरोधक अन्य साधनों के प्रति भी महिलाओं का रूझान बढ़ा रहीं हैं।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डाॅ.औसाफ अहमद खां ने बताया कि जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न साधनों को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाता है। जिस दंपति का परिवार पूरा हो गया होता है उन्हें परिवार नियोजन के लिए स्थायी सेवा अपनाने ( नसबन्दी) तथा जिनके परिवार पूरा नहीं होते उन्हें दो बच्चों के जन्म में अंतर के लिए अस्थायी साधनों के लिए प्रेरित किया जाता है। बाॅस्केट आफ का च्वायस के आधार पर इच्छुक व्यक्तियों को निःशुल्क साधन उपलब्ध कराए जाते हैं।
आजमगढ़ जनपद की निवासीनी अर्चना बताती हैं कि वह वर्ष 2019 से ही खजूरी स्थित उप स्वास्थ्य केन्द्र पर अपने पति के साथ रहती रहतीं हैं। एक-एक डेढ़ डेढ़ साल में घर जा पाती हैं। नियमित तौर पर केन्द्र पर रहने की वजह से गांव के लोगों में ही घुल मिल गयीं हैं ।
नियमित टीकाकरण सत्र( वीएचएनडी) पर जब महिलाएं बच्चों को टीकाकरण के लाती हैं, तो उनसे परिवार के बारे में पूछतीं रहतीं हैं। जब कोई महिला बच्चों की संख्या दो या उससे अधिक बताती हैं तो उन्हें नसबन्दी के लिए प्रेरित करती हैं। दो बच्चों के जन्म में अंतर रखने के लिए त्रैमासिक इंजेक्शन अंतरा लगवाने के लिए प्रेरित करतीं हैं।
उनका कहना है कि महिलाएं अंतरा इंजेक्शन के प्रति तरह तरह की भ्रांतियाँ बताती हैं, मगर उन्हें ठीक से समझा कर तैयार कर लिया जाता है। वह अंतरा लगवाने के लिए तैयार भी हो जाती है। जिसका नतीजा है कि महिलाओं का अंतरा पर विश्वास जमा है। महिलाएं अंतरा अपनाने में रूचि दिखा रहीं हैं।
वह बताती है कि वह भी दो बच्चों की माँ है। वह भी परिवार नियोजन के प्रति सचेत रहतीं हैं। यहीं बात लोगों को समझाती भी हैं। परिवार नियोजन कार्यक्रम में उनका सहयोग मेहदिया को आशा कार्यकर्ता मधु और पिंकी तथा सेखुई की आशा कार्यकर्ता उषा और शीतल से भी सहयोग मिलता रहता है। अप्रैल 2021 से 20 मई 2022 तक 57 महिलाओं को अंतरा की 102 डोज लगा चुकीं हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि 20 मई से दो जून तक चार महिलाओं को छाया, आठ को माला-एन तथा 27 लाभार्थियों को कंडोम उपलब्ध करा चुकी हैं। इसके साथ वह अपने सहयोगी आशा के साथ स्तनपान के प्रति जन जागरूकता पर विशेष जोर दे रहीं हैं । यूपीटीएसयू के परिवार नियोजन विशेषज्ञ संजय कुमार ने भी उनकी तारीफ करते हैं।
समझ में आ गयी एएनएम की बात
अर्चना की क्षेत्र की एक महिला ने बताया कि उनकी दो संतान हैं। परिवार पूरा हो गया है। मगर अभी नसबन्दी कराने में कुछ व्यवहारिक दिक्कतें है। अनचाहे गर्भ से मुक्ति पाने के लिए एएनएम अर्चना ने सुझाव दिया कि यदि अभी नसबन्दी नहीं करा सकती है तो गर्भ निरोधक साधन का प्रयोग करें। अंतरा इंजेक्शन जब तक लगवाते रहिएगा। तब तक गर्भ नहीं रूकेगा। जब नसबंदी करा लिजिएगा तो अंतरा इंजेक्शन लगवाना बंद कर दीजिएगा। यह बात समझ में आ गयी। अंतरा इंजेक्शन लगवा लिया। इंजेक्शन से परेशानी महसूस नहीं हो रही है।