कर्नाटक प्रवास के दौरान कैलाश चौधरी ने एफपीओ सम्मेलन तथा प्रवासी बंधुओं के कार्यक्रम में की शिरकत
दो दिवसीय दौरे पर कर्नाटक पहुंचे केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कृषि मंत्रालय की ओर से आयोजित एफपीओ सम्मेलन एवं मारवाड़ी राजस्थानी प्रवासी बंधुओं के स्वागत समारोह में बताई केंद्र सरकार की उपलब्धियां
बेंगलुरु (कर्नाटक)
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी कर्नाटक राज्य के दौरे पर है। केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने शुक्रवार को यहां प्रवासी मारवाड़ी राजस्थानी समाज के बंधुओं से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनी। इस दौरान प्रवासी बंधुओं ने केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी का स्वागत एवं अभिनंदन किया। इसके बाद केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बेंगलुरु के बेल्लारी रोड़ पर स्थित कृषि विश्वविद्यालय में 10,000 एफपीओ के गठन और संवर्धन की केंद्रीय क्षेत्र की योजना के तहत आयोजित समुदाय आधारित व्यापार संगठनों (CBBOS) के दक्षिणी क्षेत्रीय सम्मेलन में भाग लिया। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे, कर्नाटक सरकार में कृषि मंत्री बीसी पाटील भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि एफपीओ योजना उत्पाद कलस्टर पर आधारित है जिसमें “एक जिला एक उत्पाद” पर विशेष ध्यान रखा जाता है और कोशिश की जाती है कि एस्पिरेशनल जिलों के विकासखंडों में एफपीओ का गठन आवश्यक रूप से हो जाए तथा महिला किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए अधिक बल दिया जाए। योजना के अंतर्गत सीईओ एवं लेखाकार का वेतन, पंजीयन शुल्क, कार्यालय किराया, अन्य उपयोगिता शुल्क, कंप्यूटर आदि क्रय करने का खर्च शामिल कर प्रति एफपीओ, एफपीओ प्रबंधन लागत के रूप में 18 लाख रुपये दिए जाते है। कैलाश चौधरी ने कहा कि इसके अलावा एफपीओ के प्रति किसान सदस्य को 2,000 रुपये तक मैचिंग अनुदान के रूप में इक्विटी अनुदान भी प्रदान किया जाता है, जो अधिकतम 15 लाख रुपये प्रति एफपीओ है। एफपीओ को वित्तीय संस्थानों एवं बैंकों से ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु क्रेडिट गारंटी की भी व्यवस्था की गई है।
प्रवासी बंधुओं के आह्वान पर हर समय हाजिर मिलूंगा : कर्नाटक जाट समाज भवन में आयोजित प्रवासी मारवाड़ी राजस्थानी सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि राष्ट्र के विकास में मारवाडिय़ों और राजस्थानियों का सहयोग जगजाहिर है। व्यापार के सिलसिले में देश एवं विदेश के कोने-कोने में बसे मारवाड़ी समाज के लोग जितना प्यार और सम्मान अपनी जन्मभूमि राजस्थान के प्रति रखते हैं, उतना ही अपनी कर्मभूमि के लिए भी। प्रवासी राजस्थानी अपनी कर्मभूमि के साथ हमेशा आत्मीय रूप से अपनी जन्मभूमि से भी जुड़े रहते हैं। अपनी जन्मभूमि के चहुमुखी विकास के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रवासी समाज जब भी याद करेगा, मैं हर समय उनके आह्वान पर हाजिर मिलूंगा। हम सब मिलकर हमारे क्षेत्र एवं देश के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।