पॉलीहाउस, ग्रीन हाउस एवं मशरूम की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है केंद्र सरकार : कैलाश चौधरी
न्यू तेरापंथ भवन, बालोतरा में केन्द्र सरकार की कृषि सम्बन्धी योजनाओं के प्रचार-प्रसार को लेकर आयोजित किसान प्रशिक्षण कार्यशाला में सम्मिलित हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी
बालोतरा (बाड़मेर)
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी संसदीय क्षेत्र के दौरे पर है। मंगलवार को केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने न्यू तेरापंथ भवन, बालोतरा में केन्द्र सरकार की कृषि सम्बन्धी योजनाओं के प्रचार-प्रसार और किसानों को योजनाओं का अधिकाधिक लाभ मिले, इस उद्देश्य से आयोजित की गई कार्यशाला में भाग लिया और स्थानीय किसान बंधुओं से संवाद किया। कार्यशाला में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने किसानों को पॉलीहाउस, ग्रीन हाउस एवं मशरूम की खेती करने पर केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे प्रोत्साहन और आवेदन प्रक्रिया के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का कृषि मंत्रालय आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ‘किसान भागीदारी, प्राथमिकता हमारी’ अभियान का आयोजन कर रहा है। इस अभियान के जरिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा अन्य विभागों के सहयोग से किसानों के लिए क्षेत्रीय स्तर पर राष्ट्रव्यापी कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय किसानों को कृषि क्षेत्र में तकनीकी एवं नवाचारों के प्रयोग को लेकर प्रशिक्षित करने का काम कर रहा है।
किसान प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि देश के गांवों एवं किसानों की ताकत को नई दिशा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार आत्मनिर्भर अभियान चला रही है। कैलाश चौधरी ने कहा केंद्र सरकार के पिछले आठ साल के कामकाज पर नजर दौड़ाएं, तो कृषि और किसानों की बेहतरी के लिए कई कदम उठाए गए हैं। सरकार ने गांव, गरीब और किसान को केन्द्रीय भूमिका में रखकर नीतियां तय की हैं और किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य पर प्रतिबद्धता के साथ काम किया है। कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों को प्राकृतिक आपदा और दूसरे नुकसानों से संरक्षण देने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई। इसका प्रीमियम कम रखा गया और दावों के भुगतान की प्रक्रिया आसान बनाई गई। किसानों की बाजार तक पहुंच का ढांचा बेहतर हुआ है। “हर खेत को पानी” के तहत सिंचाई के संसाधन बढ़े हैं और सिंचित जमीन में इजाफा हुआ है। नीम लेपित यूरिया का 100 फीसदी लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। किसानों को बेहतर दाम के लिए ई-नैम के तहत ऑनलाइन बाजार व्यवस्था से जोड़ने के अच्छे प्रयास हुए हैं।