(हिंदी फ़िल्म समीक्षा : सबवे)
रवि किशन की हिंदी फिल्म सब-वे : दिलचस्प और रोमांचक खेल
कलाकार : रवि किशन, विशाल विशेष और नाजुक
लेखक निर्देशक : शिवराज देवल
निर्माता : शारदा त्रिपाठी
करण समर्थ (आयएनएन भारत मुंबई) जैसे हम देख रहे हैं कि, पिछले कुछ वर्षों से हिंदी सिनेमा में कुछ अलग और हटकर फिल्मों का निर्माण किया जा रहा है। आज दर्शक वर्ल्ड सिनेमा से भलीभांति परिचित हैं ऐसे में उन्हें नई कहानियां, नया नरेशन स्टाइल चाहिए और इस सप्ताह रिलीज हुई रवि किशन की मुख्य भूमिका वाली लेखक निर्देशक शिवराज देवल की नए कलाकार विशाल विशेष और नाजुक को लेकर बनाई हिंदी फिल्म “सब-वे” वाकई दिलचस्प और रोमांचक फिल्म है। इस फ़िल्म में रोमांच, रोमांस, कॉमेडी और दमदार संवाद का खूबसूरत मिश्रण है।
फिल्म ‘सब-वे’ की कहानी कुछ इस तरह से है, यह तीन दोस्त विशाल, होशियार और राजा, जो शाम की पार्टी का मज़ा लेने के लिए अक्सर हाइवे पर छोटी-मोटी चोरी करते हैं। फ़िल्म का पहला दृश्य इसी घटना से शुरू होता है कि यह तीनों कार की स्टेपनी, म्यूजिक सिस्टम आदि बेचने के लिए एक कार चोरी करने के इरादे से हाईवे पर खड़े होते हैं। एक कार को लेकर जब वह भागते हैं तो पता चलता है कि गाड़ी में एक किडनैप किया हुआ व्यवसायी है। व्यापारी उन तीनो चोरों से कहता है कि, मुझे सुरक्षित घर पहुंचा दो, तो वह सभी को बहुत सारे पैसे देगा। व्यापारी की मदद करने के इरादे से लड़के ऐसा करने के लिए तैयार हो जाते हैं, लेकिन व्यवसायी के घर जाते समय, वे एक रिटायर्ड डकैत, बागी भान सिंह के गढ़ में फंस जाते हैं। कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब पता चलता है कि व्यवसायी का अपहरण किसी बदमाश ने नहीं बल्कि उसके सौतेले भाई गुड्डू रस्तोगी ने किया था। बागी भान सिंह यह जानकर बौखला जाता है। वह बिज़नसमैन से वादा करता है कि वह नेता गुड्डू रस्तोगी को अपने तरीके से सजा देगा। क्या ऐसा हो पाता है या नहीं, इसके लिए आपको मनोरंजक फ़िल्म सब-वे देखनी पड़ेगी।
फ़िल्म में रवि किशन ने एक रिटायर्ड डकैत की भूमिका को बड़ी जानदार अभिनय से निभाया है । वह अब डकैती नहीं करते, उनका मन बदल गया है और वह सामाजिक कार्य करते हैं। सब-वे फ़िल्म में उनकी भूमिका काफी मजबूत और दमदार है, जिसे उन्होंने अपनी सहज अभिनय से जीवित कर दिया है। हिरो, विशाल विशेष; ने पहली फ़िल्म के अनुसार बेहतर काम किया है। हीरोइन, नाजुक; जो पिक्चर में बेहद ही क्यूट और नाजुक नजर आई हैं। विशाल के साथ उनका रोमांटिक सांग दिल को सुकून पहुंचाता है।
फ़िल्म सब-वे के लेखक निर्देशक शिवराज देवल की बतौर निर्देशक यह पहली फ़िल्म है, फिर भी शिवराज अपने प्रथम प्रयास में कामयाब नजर आते दिख रहें हैं। इतने सारे किरदारों, घटनाक्रम को उन्होंने बखूबी जोड़ा है और एक बेहद प्रभावी कहानी पिरोई है। सभी कलाकारों ने अपनी अपनी भुमिकाएं अच्छी से निभाई है।
फ़िल्म में चार अलग अलग प्रकार के गीत हैं। जी म्युज़िक से रिलीज हुए गीतों के संगीतकार हर्ष राज हर्ष और गीतकार फैज अनवार हैं। गाने पलक मुच्छल, ऋतु पाठक, जावेद अली, मोहम्मद इरफान और नक्काश अज़ीज़ की आवाज़ में हैं। सभी गीत कहानी से सिचुएशनल हैं और कहानी को आगे बढाते हुए प्रतीत होते हैं। फ़िल्म का क्लाइमेक्स बेहद नया और जानदार है। फ़िल्म एक बार देखने लायक है।
जगत जननी एंटरटेनमेंट और गेट्स फ़िल्म एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले बनी फ़िल्म की निर्मात्री शारदा त्रिपाठी तथा सहनिर्माता भगवती देवल और संतोष त्रिपाठी हैं। (आयएनएन भारत मुंबई)