मोहम्मद साहब ने कहा रहमान तभी मिलेगा जब रूहों पर रहम करोगे, मुस्सलम ईमान रहमान बनो
अगर नशा करना, मांस खाना बंद कर दो तो हैवान से इंसान बन जाओगे, पूरे फकीर महात्मा मिलने पर बन जाओगे भगवान
दुबई (संयुक्त अरब अमीरात)
वक़्त के महापुरुष मुर्शिद ए कामिल, आला फ़क़ीर, खुदाई पैगाम सुनाने वाले, सभी रूहों को अपना मानने वाले, गलतफहमीयां दूर करने वाले, रहनुमा, मसीहा, खुद को मिटा खुदा को खुश करने का तरीका बताने वाले, इसी जिंदगी में मौत के पहले कलमा आयतें गैबी आवाज सुनने का रास्ता बताने वाले, दोज़ख की आग से बचाने वाले, शराब और इसके जैसे नशों से दूर रहने की नसीहत देने वाले, अमन चैन लाने वाले, मेहनत मशक्कत ईमानदारी और नमक हलाली से अपनी रोजी रोटी कमाने की सीख देने वाले, जान-अनजान में होती खुदा के हुक्म की तौहीन से बचाने वाले, सबको प्यार-मोहब्बत का पाठ पढ़ाने वाले, रूहानी दौलत बांटने वाले, रूहानी खजाने के मालिक इंसानी जामे में आये हुए इस वक़्त के पूरे पहुंचे हुए सन्त सतगुरु दुःखहर्ता त्रिकालदर्शी परम दयालु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 16 जुलाई 2022 सायं कालीन बेला में दुबई (संयुक्त अरब अमीरात) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि जिससे आपके शरीर को नुकसान होता है, मानसिक टेंशन बढ़ता है, शरीर पापी हो जाता है वो है जीव हत्या। इसे छोड़ो। सभी धर्मों में जीव रक्षा बताया गया है। कहा गया है-
दया धर्म तन बसे शरीरा ताकि रक्षा करें रघुवीरा।
अहिंसा परमो धर्म: बताया गया। जितने भी महापुरुष आए सबने रहम करने के लिए कहा। हुजूर मोहम्मद साहब ने कहा रहमान तुमको तभी मिलेगा जब उसके रूहों पर रहम करोगे, रहम दिल बनो। कहा मुसलमान बनो। मुसलमान का मतलब यह नहीं होता है कि हिंदू का उल्टा करो, किसी को मार-काट दो, यह धर्म मुसलमान का नहीं है। मुसल्लम ईमान रहमान जिसके अंदर मुसल्लम ईमान हो जिसके अंदर मुसल्लम रहम हो वह बनो।
मांस अगर खाना बंद कर दो तो जीवों का कटना हो जाएगा बंद
लोगों ने उसको तोड़-मरोड़ दिया। कहते हैं मार दो, काट दो और फिर इस्लाम कबूल करा दो, मुसलमान बना दो। यह उसका मतलब नहीं है। रहम दिल बनो। तो दया धर्म को अपनाओ। दया धर्म को कैसे अपनाया जाता है? दया खुद की जाती है, खानपान में भी दया रखनी चाहिए। मांस अगर खाना बंद कर दो तो जीवों का कटना बंद हो जाएगा।
गेहूं चना ज्वार बाजरा मक्का आदि जड़ से पैदा चीजों को मनुष्य के खाने के लिए बनाया गया
यह मनुष्य शरीर किसके लिए बनाया गया? जड़ चीजों को खाने जैसे धान गेहूं चना ज्वार बाजरा मक्का आदि। मेवा मिष्ठान दूध घी खाने के लिए। जो चीज खाते हो उसी का बनता है खून। अन्न, फल, मांस जो भी खाओगे उसी का
खून बनेगा। मनुष्य का शरीर जिस चीज को खाने के लिए बनाया गया उसको खाओ तो खून बेमेल नहीं होगा, तालमेल शरीर से रखेगा। अगर मांस खाओगे उसका खून बनेगा तो खून बेमेल, शरीर रोगी हो जाएगा, तरह-तरह के रोग हो जाएंगे, क्रोध बढ़ जाएगा, खून में गर्मी आ जाएगी, दया भाव खत्म हो जाएगा।
गुस्से में आदमी अपनी औरत बच्चे जिगरी दोस्त तक को कर देता है खत्म
शराब के नशे में अपनी औरत को मार दिया, बुद्धि उस समय काम नहीं किया, जब होश में आया तो (लाश पर) सर रखकर रो रहा है यह हमने क्या कर दिया। क्रोध क्यों आया? क्योंकि शरीर में गर्मी पैदा हुई मांस खाने की वजह से। अल्कोहल शराब ने अपना असर से क्रोध को बढ़ा दिया, बस मार दिया। यह जो दो मुख्य चीजें हैं- यह नशे की आदत जिसमे आदमी होश में नहीं रह जाता है और दूसरा मांस का खाना। अगर इसको आदमी खत्म कर दें, बंद कर दे तो हैवानियत खत्म हो जाएगी। हैवानियत इसी वजह से बढ़ती है। हैवानियत खत्म हो जाएगी तो कम से कम इंसान तो बन ही जाएगा। और इंसान बन गया उसको कोई रास्ता बताने वाले मिल गए फकीर महात्मा मिल गए तो वो भगवान बन जाता है।