रियायत का समय चल रहा इसमें आप अपनी आत्मा के कल्याण का काम जल्द से जल्द कर लो-सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज

उज्जैन (म.प्र)काल के बढ़ते प्रकोप के बीच अपनी दया की धार को भी बढ़ा कर जीवों के लिए साधना सरल करने वाले, इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 10 नवम्बर 2023 सायं उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि इस समय रियायत हो रही है तो रियायत में ही अपना काम कर लो। लगातार जो 24 घंटे आपको जीने का समय मिला है वो 24 घंटे इन्ही में (दुनिया कमाने में) मत लगे रहो। दो घंटा अपने आत्मा के उद्धार और कल्याण के लिए भी निकल लो तो उसी में काम आपका बन जाएगा। हमारे गुरु महाराज को ही देखो आठ-आठ, दस-दस घंटे साधना किए। लगातार बहुत समय देना पड़ता था। लेकिन अब तो बस तड़प जग जाए, मालिक से मिलने की इच्छा हो जाए, उसके प्राप्ति की इच्छा हो जाए, उसका मिलने का संकल्प आदमी का बन जाए तो थोड़े समय में ही काम हो जाता है।

क्यों? छूट मिलती है। कब छूट मिलती है? जैसे इम्तहान के वक्त, परीक्षा के टाइम पर सवाल बहुत कठिन आ गए, बहुत कड़ा प्रश्न पत्र / पेपर आ गया, बहुत से बच्चे नहीं कर पाए। बहुत से बच्चों के फेल होने की संभावना हो गई तब उसमें रियायत कर देते हैं। ऐसे इस समय रियायत हो रही है। तो रियायत में ही अपना काम कर लो। कभी-कभी ऐसा होता है कि छूट होती है। जैसे सबसिडी होती है लेकिन कुछ दिन के बाद खत्म हो जाती है।

जैसे समझो 2000 के नोट बदलने का समय दिया, अब खत्म हो गया। अब जो जिस के पास रह गया, वो रिजर्व बैंक में बदल लेता है। उसका भी टाइम खत्म हो जाएगा। ऐसे ही ये अभी रियायत का समय चल रहा है। इस रियायत के समय में आप अपना काम जल्दी कर सकते हो।

महाराज जी ने 3 जुलाई 2023 प्रातः जयपुर( राजस्थान) में बताया कि गुरु महाराज गुलाबी पगड़ी बंधवाये थे। गुरु महाराज कहा करते थे गुलाबी पगड़ी वालों की नजर जहां तक जाएगी कोई मरेगा नहीं। वही गुलाबी कपड़ा आपको पहनाया गया। आपका विचार भावना अगर सही रहेगी, शाकाहारी नशा मुक्त रहोगे, भजन, ध्यान ,सुमिरन करते रहोगे, गुरु को याद करते रहोगे तो आपके शरीर और आपके इस गुलाबी वस्त्र का भी असर लोगों को आने वाले समय में दिखाई पड़ेगा।

परमात्मा और भगवान में भी फर्क होता है। जो भग से यानी कमर से नीचे के सुराख से पैदा होते हैं, मां के पेट में पलते हैं, मां के सुराख से निकलते हैं वो भगवान कहे जाते हैं, अवतरित शक्तियां होती है। मनुष्य शरीर में जो आते हैं वह सब ऐसे ही होते हैं। और परमात्मा वह जो अपने अविचल देश में बैठा हुआ, अनामी धाम, सतलोक में जो बैठा हुआ है, वह परमात्मा होता है। (सतगुरु जीवात्मा को) वहां पहुंचा देते हैं, तब परमात्मा रूप हो जाती है, परमात्मा बना देते हैं।

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