मुझको कहां ढूंढे बंदे, मैं तो तेरे पास में
उज्जैन (मध्य प्रदेश)इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि लोग कैसे भटक रहे हैं? किसी ने कह दिया अयोध्या चले जाओ, किसी ने काशी, किसी ने द्वारका जाने के लिए कहा कि वहां भगवान मिलेंगे। किसी ने कहा पेड़-पत्थर पूजो, गंगा-जमुना में मिल जाएंगे। खोजते-खोजते बहुत दिन हो गया। मैं तो कहता हूं, मुझको कहां ढूंढे बंदे, मैं तो तेरे पास में। प्रभु की बात को याद करो। मैं तो तुम्हारे अंदर में बैठा हुआ हूं, इस पर आप विश्वास करो। नहीं तो ऐसे ही आपका समय निकल जाएगा। बीजक अगर आप नहीं समझ पाओगे तो रामायण खाली पढ़ने से कुछ नहीं होता है।
अंदर में जो राम का चरित्र हो रहा है, तरीका मालूम होने पर दिखाई पड़ेंगे
गोस्वामी जी ने मानस में जो राम का चरित्र हो रहा है, उसके आधार पर रामचरितमानस लिखा है। राम भगवान जब मर्यादा पुरुषोत्तम थे, उनका किस्सा-कहानी इतिहास बना करके, लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। लेकिन असल में उन्होंने मानस में, अंदर में जो राम का चरित्र 24 घंटा हो रहा है, कभी भी वह बंद नहीं होता है। यहां तो रामलीला, रासलीला, मंदिर बंद हो जाते हैं लेकिन अंदर में जो रासलीला हो रही वो कभी बंद नहीं होती। वह हमेशा चालू रहता है, दिन में, रात में जब चाहो देखो। बच्चा जवान स्त्री पुरुष नपुंसक बुड्ढा बुढ़िया कोई भी देख सकता है। सबके अंदर में हो रहा है लेकिन कब? जब देखने का तरीका मालूम हो जाएगा, बीजक जब समझ में आ जाएगा तब। जब जानकार समझाएगा तब। बीजक यानी सूची, अंग्रेजी में इंडेक्स ऐसे।
बाहरी गंगा-यमुना में स्नान से मुक्ति मोक्ष नहीं मिलता
घट में गंगा, घट में तीरथ, घट में सृजनहारा है। सृजनहारा वो जो सबकी परवरिश करता, सबको खिलाता-पिलाता है। वह इस अंदर के घट में दिखाई पड़ जाता है। इसी घट में त्रिवेणी गंगा जमुना कावेरी नदियां सब इसी घट में है। गंगा जमुना में स्नान से पाप नही धुलता। पाप नाशिनी गंगा तो अंदर में है। उसमें जब जीवात्मा डुबकी लगाती है तब इसकी गन्दगी साफ़ होती है तब जीव निर्मल बनता है तब आगे बढ़ता है। गुरु बिन मैलो, मन को धोई। गुरु के बिना साफ करने वाला, धोने वाला, इस अच्छे काम में मन को लगाने वाला और कोई नहीं हो सकता है।