साहब यह कैसा नियम एक से नाराजगी और दूसरे पर रहम
यूपी फाइट टाइम्स
ठा. अनीष रघुवंशी
फतेहपुर– भले ही योगी सरकार सभी को एक जैसा सम्मान देने की बात करती हो पर जमीनी हकीकत कुछ और ही कहती है अब इसे जिले के जिम्मेदारों का सितम कहे या फिर कोई व्यक्तिगत नाराजगी जो कहीं ना कहीं व्यक्तिगत विचारधारा पेश कर रही है।
तो बता दे की ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि जनपद में जिले के जिम्मेदारों ने इस विचारधारा को पेश करने का काम बखूबी किया है ज्ञात हो कि होली के दिन किशनपुर कस्बे में दो समुदायों के बीच एक बड़ा बवाल हुआ था और बवाल का मामला हाईकमान तक पहुंचा था जिस पर थाने पर तैनात कई पुलिसकर्मी भी निलंबित हुए उसी दौरान क्षेत्र पर तैनात 2 लेखपालों पर भी गाज गिरी जिन्हें लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया गया जिसके बाद एक लेखपाल को 22 दिन के बाद तैनाती मिल गई जबकि एक लेखपाल आज भी निलंबित है जानकारी के लिए बता दें कि क्षेत्र पर तैनात लेखपाल कैलाश नाथ शुक्ला व विपिन यादव को किशनपुर कस्बे में हुए बड़े बवाल में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया गया था जिसके बाद विपिन यादव को 22 दिन के बाद बहाल कर उसी जगह पर तैनात कर दिया गया जबकि कैलाश नाथ शुक्ला आज भी निलंबित हैं जो जिले के जिम्मेदारों को सवालों को कटघरे में खड़ा करती है कि जब अपराध एक जैसा तो सजा अलग-अलग क्यों जिसमें कई प्रकार के प्रश्न खड़े हो रहे हैं कहीं ऐसा तो नहीं कि लेखपाल विपिन यादव ने जिले के जिम्मेदारों से सांठगांठ कर अपनी बहाली करा ली और कैलाश नाथ शुक्ला जिम्मेदारों के चक्कर नहीं लगा सके जिससे उन्हें आज भी बहाली नहीं मिल सकी खैर कुछ भी हो पर एक जैसे अपराध में एक व्यक्ति पर रहम कर देना और दूसरे पर सितम जारी रखना यह कहां का न्याय है और यह बड़ा प्रश्न है कहीं ऐसा तो नहीं कि लेखपाल विपिन यादव ने सिस्टम का खेल खेल कर जिम्मेदारों को कुछ चढ़ावा चढ़ा दिया जिसके चलते उनकी बहाली हो गई और कैलाश नाथ शुक्ला आज भी निलंबित है अभी हाल ही में लेखपाल पद पर तैनात विपिन यादव का एक ऑडियो भी वायरल हुआ था उस ऑडियो पर लेखपाल द्वारा एक किसान को जेल भेज देने की धमकी दी जा रही थी जिसकी शिकायत किसान ने उच्च अधिकारियों से की थी पर उच्च अधिकारियों ने जांच कर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया और फिर मामला टलता गया और धीरे धीरे जैसे जैसे दिन गुजरे वैसे वैसे मामला ठंडे बस्ते में चला गया और किसान को धमकाने वाला आरोपी लेखपाल बच निकला ।
खैर अगर ऐसे मेहरबानी जिम्मेदारों द्वारा होती रहे तो वह वक्त दूर नहीं जब अपराध करने वाला बच जाएगा और निर्दोष सजा भुगतेगा।