सतीश गोयल/सम्पादक यूपी फाइट टाइम्स
कौशाम्बी न्यूज
आज संत शिरोमणि रविदास पीठ के तत्वाधान में माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति एवम् अनुसूचित जनजाति वर्ग के कोटे के अंदर कोटा व कोटे के कोटे के अंदर क्रीमी लेयर लागू करने के फैसले को पलटने संविधान संशोधन लाने के संबंध में राष्ट्रीय प्रभारी व कार्यवाहक अध्यक्ष शरद कुमार व राष्ट्रीय महामंत्री की अगुवाई में 11 सूत्री ज्ञापन सौंपा।
- पंजाब राज्य बनाम दविंदर सिंह मामले में आए निर्णय दिनांक 1 अगस्त 2024 के फैसले को पलटते हुए केंद्र सरकार तत्काल संविधान संशोधन लाए।
- अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के पदोन्नति में आरक्षण मामले को अघोषित रूप से निष्प्रभावी करने वाली सुप्रीम कोर्ट के एम नागराज बनाम भारत संघ निर्णय 2006, जरनैल सिंह बनाम लक्ष्मी नारायण गुप्ता निर्णय 2018 एवं जरनैल सिंह बनाम लक्ष्मी नारायण गुप्ता द्वितीय निर्णय 2022 में आए फैसले एससी एसटी वर्ग के क्वांटिफिएबल डाटा एकत्र करने की पेचीदगियों को खत्म करने हेतु संविधान संशोधन लाया जाए, क्योंकि एससी, एसटी अनुच्छेद 335 के तहत शासित होते है ,जिसके अंतर्गत प्रत्येक शासकीय सेवा के पदों में एससी, एसटी के दावे का प्रावधान है। एम नागराज निर्णय 2006 के बाद एससी,एसटी के दावे का लगातार हनन केंद्र और राज्य की सरकारें कर रही है।
- अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्गों को प्रतिनिधित्व का अधिकार एवं सुविधाएं उनके ऐतिहासिक पिछड़ेपन के कारण मिली है,ना की आर्थिक । इसके बावजूद एससी,एसटी वर्ग के विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप के लिए आय के प्रमाण की जरूरत पड़ती है । केंद्र सरकार द्वारा सन 2011 में एससी, एसटी वर्ग,ओबीसी वर्ग के लिए छात्रवृत्ति हेतु ढाई लाख आय सीमा में रखी गई है जिसका संशोधन अब तक नहीं किया गया है, इसके कारण अनुसूचित जाति जनजाति एवम पिछड़े वर्ग चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के बच्चों को भी छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं, अतः इस मामले पर संज्ञान लेते हुए भारत सरकार अनुसूचित जाति जनजाति एवम पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों के लिए आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता को खत्म करें।
- सन 2000 में लोकसभा में प्रस्तुत करिया मुंडा की रिपोर्ट न्यायपालिका में अनुसूचित जाति जनजाति वर्गों के लिए जजों की नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान करने संबंधी अनुशंसा को लागू करें।
- ओबीसी वर्गों में क्रिमिनल का प्रावधान बंद करने संबंधी संविधान संशोधन लाया जाए।
- नीति आयोग के निर्देशानुसार अनुसूचित जाति जनजाति वर्गों के लिए आवंटित पृथक बजट अनुसूचित जाति कंपोनेंट प्लान एवं ट्राइबल सब प्लान की राशि का 100% लक्षित उद्देश्यों में खर्च करने हेतु कानून बनाया जाए एवं जो भी जिम्मेदार अधिकारी इस कानून को लागू करने में कोताही बरते, उनके ऊपर दंड प्रावधान करने संबधी कानूनी प्रावधान किया जाए।
- देश भर के अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में लागू पांचवी अनुसूची अंतर्गत पेसा कानून के दिशा निर्देशों का समुचित पालन किया जाए एवं इस निर्णय के परिपालन में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के ऊपर दंड का प्रावधान किया जाए।
- एससी एसटी आरक्षण को 9वी अनुसूची में डाला जाए।
- जातिगत जनगणना किया जाए।
- विशेष वर्गों को बैक डोर से एंट्री देने वाली लैटरल एंट्री केंद्र सरकार तत्काल खत्म करें एवं सरकारी संस्थाओं को बेचना बंद करे। साथ ही निजी क्षेत्र में अनुसूचित जाति जनजाति एवम पिछड़े वर्गो की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु आरक्षण का प्रावधान करने संविधान संशोधन लाए।
- कोलेजियम सिस्टम के जगह न्यायिक सेवा आयोग से जजों की नियुक्ती किया जाए।
ज्ञापन में राष्ट्रीय प्रवक्ता घनश्याम गौतम,राष्ट्रीय सलाहकार शिवलाल केशकर,राष्ट्रीय मंत्री कामता प्रसाद,राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अमरेंद्र कुमार, संरक्षक रामप्रकाश बल्ला,शिवपूजन,सोनू गौतम,बीरेंद्र गौतम,अरुण कुमार,मोनू कुमार,दीपक कुमार गौतम, उद्धोश्याम,कैलाश गौतम,सोमनाथ बंसल,शक्ति प्रकाश,सुभाष कुमार,अतुल योगी,राम शिरोमणि,प्रियांशु केशकर,संक्रांति राव,सहित हजारों लोग उपस्थित रहे।