तहसीलदार के नेतृत्व में कोखराज थाना में समाधान दिवस का आयोजन

उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर कर गायब हो जाते हैं लेखपाल

मजाक बना थाना समाधान दिवस न्याय मिलने के बजाए आए दिन हो रहे लड़ाई झगड़ा खून खराबा,

संवाददाता निहाल शुक्ला

कोखराज कौशाम्बी शासन के निर्देश के अनुसार शनिवार 14 अक्टूबर को जिले के संपूर्ण थाना के साथ-साथ कोखराज थाना में भी थाना समाधान दिवस का आयोजन किया गया है थाना समाधान दिवस का नेतृत्व तहसीलदार सिराथू के नेतृत्व में हुआ तमाम फरियादियों ने अधिकारियों के सामने अपनी फरियाद रक्खी मामलों को अधिकारियों ने सुना रटे रटाये जवाब की तरह निस्तारण के लिए अधीनस्थों को निर्देशित कर दिया सबसे अहम बात यह रही कि थाना समाधान दिवस में हस्ताक्षर करने के बाद लेखपाल मौके से गायब हो जाते हैं उसके बाद भी उन पर कार्यवाही नहीं होती है बताया जाता है कि सेटिंग करने गांव में चले जाते हैं लेखपालों के गायब होने का प्रमाण थाने में लगा सीसीटीवी कैमरा कर रहा है इन लेखपालों को तहसीलदार का भी भय नहीं था अपने मन मर्जी के मालिक बन चुके लेखपालों के कारनामे के चलते फरियादियों को न्याय नहीं मिल रहा है आए दिन मामले का निस्तारण झूठी रिपोर्ट लगाकर लेखपाल द्वारा किया जा रहा है जिससे जमीन के विवाद बढ़े हैं जमीनी विवाद के कारण आए दिन लड़ाई झगड़ा होता है खून खराब होता है यहां तक की जमीन के विवादों का सही तरीके से निस्तारण ना होने के चलते कत्ल होने लगी है लेकिन फिर भी लेखपाल दंडित नहीं होते

कोखराज थाना क्षेत्र के नौढिया गांव में बीते महीने जमीनी विवाद के चलते कत्ल की कहानी थाना समाधान दिवस के झूठी शिकायती प्रार्थना पत्र के निस्तारण की कलई खोलने के लिए पर्याप्त है जमीन की पैमाइस करने के लिए फरियादी को मौके पर बुलाया गया था और वहां पर उसका कत्ल कर दिया गया लेकिन नौढिया गांव में फरियादी का कत्ल किए जाने के बाद दोषी लेखपाल पर महीनों बाद कार्यवाही नहीं हो सकी है दोषी लेखपालों को बचाने का प्रयास लगातार जिम्मेदार कर रहे हैं तहसीलदार की मौजूदगी के बाद भी लेखपालों के कारनामे नहीं सुधर रहे हैं शनिवार को फिर लापरवाह लेखपालों के कारनामे सामने आए हैं कोखराज समाधान दिवस पर रजिस्टर पर साइन कर थाने से लेखपाल गायब हो गए जिससे मौके पर फरियादियों की समस्याओं का समाधान नहीं हो सका लेखपालों की शिकायतों के बाद उनके बयान नहीं दर्ज हो सके हैं थाना समाधान अब केवल पिकनिक स्पॉट बन कर रह गया है औपचारिकता बन चुका है थाना समाधान दिवस में उदासीनता के चलते फरियादियों को न्याय नहीं मिल रहा है आए दिन विवाद बढ़ रहे हैं खून खराबा होता है कत्ल होती है लेकिन लापरवाह राजस्व कर्मियों पर कठोर कार्रवाई नहीं हो रही है बल्कि सरकारी कार्यों में समय बर्बादी के चलते अब तो थाना समाधान दिवस बेकार साबित होने लगा है योगी सरकार राजस्व विभाग के कर्मचारियों पर कब लगाम लगाएगी और कब इन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी इलाके में दर्जनों लेखपालों की तैनाती के बाद समाचार लिखे जाने तक केवल मान सिंह लेखपाल सोहनलाल कानून गो ,उमेश सिंह,पूनम मौर्य थाना समाधान दिवस में मौजूद रही।

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