लोगों को शाकाहारी नशामुक्त बनाओ, वक्त का जागृत नाम जयगुरुदेव लोगों को रटा दो, आपके कर्म कट जाएंगे
पीलीभीत (उ.प्र)इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि आप लोग प्रचार-प्रसार करो, लोगों को शाकाहारी नशामुक्त बनाओ। आजकल देखो लोग तमाम पूजा-पाठ, अनुष्ठान कर रहे लेकिन वो कबूल, स्वीकार नहीं हो रहा क्योंकि यह मानव मंदिर हो गया गंदा। जो चीज खाते हो उसी से खून बनता है। उसी से शरीर चलता है। खून जब बेमेल होता है तब तरह-तरह की बीमारियां आ जाती हैं। यह ओरोना-कोरोना तरह-तरह की बीमारियां जो आई हैं, मांसाहार की वजह से आई। अब तो वैज्ञानिकों ने भी इस बात को रिसर्च करके बता दिया।
व्रत (उपवास) क्यों रखते हैं, सतयुग कौन देखेगा
व्रत उपवास रखते हैं जिससे यह (पेट की) मशीन, आंतडियां साफ हो जाए, जो खाओ वो हजम हो जाए, उसका खून ठीक से बन जाए। लेकिन थोड़ा खाओगे, आराम से हजम हो जाएगा। उपवास करो न करो, व्रत रहो न रहो, ब्रह्म में विचरण करने वाला बनाने की जरूरत है। जो ब्रह्म में विचरण करेगा, वही सतयुग देखेगा। बचेगा साधजन कोई जो सत्य से लौ लगाएगा, बज रहा काल का डंका, कोई बचने ना पाएगा। डंका तो बज रहा है। इस काल के डंके में जो होशियार नहीं होंगे, संभलेंगे नहीं तो जाएंगे। तो कहा गया है- काल सबको खाता है। जोगी जति जितने भी आए, सन्यासी, सब काल बस होए, सबको काल के गाल में समाना पड़ता है।
गुरु महाराज के नामदानी आपकी भक्ति कैसे जगेगी
सतयुग देखने के लायक लोगों को बनाने की आवश्यकता है। सतयुग में सभी लोग शाकाहारी, नशा मुक्त, ईश्वर के भक्त, भजनानंदी, भजन करने वाले होंगे। तो एक काम आप जितने भी सतसंगी हो, गुरु महाराज के नामदानी हो, यही काम कर लो तो आपकी भक्ति जग जाएगी, आपके अंदर गुरु मुखता आ जाएगी और भजन में भी मन लगने लगेगा। तो समझ लो कि पहली सीढ़ी यही है।
वक्त का जागृत नाम जयगुरुदेव लोगों को रटा दो, इसी से कर्म कट जाएंगे
इस समय का जागृत नाम जयगुरुदेव है। इसी जयगुरुदेव नाम का प्रचार कर दो जिससे आपको मुसीबत में, तकलीफ में फायदा हुआ। जयगुरुदेव नाम को ही लोगों को रटा दो, याद करा दो। यही आप बता दो तो इससे भी आपके कर्म कटेंगे। देखो मौसम के बदलाव से, खाने-पीने की बदपरेहजी से हुआ रोग तो दवा से ठीक हो जाता है लेकिन जो कर्म रोग को भोगना पड़ता है। कर्मों से कोई बच नहीं पाता है। कर्मों की सजा मिलनी पड़ती है। कर्म फांस छूटे नहीं, केतिक करो उपाय, सतगुरु मिले तो उबरे, नहीं तो भटका खाए। भटकना ही पड़ जाता है, कर्मों की सजा भुगतनी ही पड़ जाती है। तो कर्मों को काटो, लोगों के कर्मों को काटोगे तो आपके भी कर्म कटेंगे। कर्म लोगों के जयगुरुदेव नाम के बोलने से कटेंगे।