संतोषजनक उत्तर न दे पाने पर सिंचाई विभाग-कौशाम्बी, बेसिक शिक्षा विभाग-कौशाम्बी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी-कौशाम्बी, डीसी मनरेगा फतेहपुर, अधीक्षण अभियंता-विद्युत विभाग फतेहपुर से स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने व लखनऊ में आयोजित समिति की बैठक में पूरी आख्या के साथ उपस्थित होने के दिए निर्देश
जनप्रतिनिधियों के द्वारा विभागो में भेजे गए पत्रों का प्राथमिकता पर निस्तारण करते हुए पत्र के माध्यम से उन्हें अवगत कराए-समिति
प्रदेश सरकार जनता के हित में कर रही कार्य, अधिकारी जनप्रतिनिधि के साथ समन्वय बनाकर करे जनहित के कार्य-सभापति
आर पी यादव ब्यूरो यू पी फाइट टाइम्स
कौशांबी//विधान परिषद उत्तर प्रदेश की संसदीय अध्ययन समिति रविवार को जनपद प्रयागराज पहुंचकर कलेक्टेªट स्थित संगम सभागार में समिति के सभापति सुरेन्द्र चौधरी की अध्यक्षता में जनपद कौशाम्बी व जनपद फतेहपुर के अधिकारियों के साथ बैठक कर जनप्रतिनिधियों के द्वारा विभिन्न विभागो में किसी भी कार्य हेतु भेजे गए पत्र के निस्तारण एवं उसकी आख्या सम्बन्धित जनप्रतिनिधि को उपलब्ध कराए जान के सम्बन्ध में विस्तृत समीक्षा की। बैठक में सभापति सुरेन्द्र चौधरी के अलावा समिति के सदस्य/ सदस्य विधान परिषद उमेश द्विवेदी, किरण पाल कश्यप सदस्य विधान परिषद, बाबू लाल तिवारी सदस्य विधान परिषद उपस्थित रहें। बैठक में जिलाधिकारी कौशाम्बी मधुसूदन हुल्गी, पुलिस अधीक्षक कौशाम्बी बृजेश कुमार श्रीवास्तव, मुख्य विकास अधिकारी कौशाम्बी अजीत कुमार श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी प्रबुद्ध सिंह, मुख्य विकास अधिकारी फतेहपुर पवन कुमार मीणा, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व डॉ0 अविनाश त्रिपाठी सहित दोनो जनपदों के अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहें। बैठक में पशुपालन, राजस्व विभाग, पंचायती राज, यू0पी0 नेडा, समाज कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण, महिला कल्याण, बाल विकास पुष्टाहार, आबकारी, विद्युत, सिंचाई, लघु सिंचाई, लोक निर्माण विभाग, जिला सूचना कार्यालय, पुलिस विभाग सहित सभी विभागो की बिन्दुवार समीक्षा की गयी। बैठक में प्रत्येक विभागवार जनप्रतिनिधियों के भेजे गए पत्र पर अधिकारियों द्वारा की गयी कार्रवाई पर गहन समीक्षा की गयी।
सभापति सुरेन्द्र चौधरी ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों से जनप्रतिनिधियों के द्वारा भेजे गए पत्र पर क्या कार्यवाही की गयी तथा उस कार्यवाही से उन्हें अवगत कराया अथवा नही, के बारे में जानकारी प्राप्त की। बैठक में सम्बंधित अधिकारियों के द्वारा सभापति को अवगत कराया गया कि जो भी शिकायतें जनप्रतिनिधिगणों से प्राप्त होती है, उनका निस्तारण कर मौखिक/लिखित व निजी तौर पर भी अवगत कराया जाता है, जिस पर मा0 सभापति महोदय द्वारा निर्देशित किया गया कि निस्तारण आख्या से सम्बन्धित जनप्रतिनिधि को पत्र भेजकर उन्हें कृत कार्यवाही से जरूर अवगत कराया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी प्रकरण जनप्रतिनिधि द्वारा कार्यालय में भेजे जाए उनका अधिकतम 1 माह के अन्दर उन्हें कृत कार्यवाही से प्रत्येक दशा में अवगत करा दिया जाए। बैठक में मा0 सभापति ने कहा कि जिलाधिकारी स्वयं सभी विभागो की समय-समय पर बैठक कर प्राप्त पत्रो मे कार्यवाही की समीक्षा का निस्तारण सुनिश्चित कराएं।
डीसी मनरेगा फतेहपुर, स्थानीय निगम फतेहपुर, अधीक्षण अभियंता-विद्युत विभाग फतेहपुर, बेसिक शिक्षा विभाग कौशाम्बी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी कौशाम्बी द्वारा संतोषजनक उत्तर न दिए जाने पर उनसे स्पष्टीकरण की मांग करते हुए लखनऊ में आयोजित समिति की बैठक के निर्धारित तिथि पर पूरी आख्या के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया। लोक निर्माण विभाग फतेहपुर के एसीएस के बैठक से अनुपस्थित रहने पर उनसे स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में सभापति ने मुख्य विकास अधिकारी कौशाम्बी व फतेहपुर से कहा कि भविष्य में सभी विभागों की बुकलेट तैयार करते समय स्वयं भी समीक्षा करे ताकि समिति के समक्ष सही आख्या प्राप्त हो सकें। सभापति ने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार निश्चित रूप से जनहित में कार्य रही है जनता के दरवाजे तक विकास कैसे पहुंच सकें प्रत्येक जनप्रतिनिधि से जनता को उम्मीद होती है उस दिशा में जनप्रतिनिधि भी कार्य कर रहा है जनप्रतिनिधि व अधिकारी आपसी समन्वय स्थापित करते हुए जनता के हित के लिए पूरी पारदर्शिताव अच्छे ढंग से कार्य करे यही हम सभी का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि कार्यालयों में एक पृथक से रजिस्टर बनाकर उसमें किस जनप्रतिनिधि का कब पत्र मिला तथा उसपर कब क्या कार्यवाही की गयी सम्बन्धित जनप्रतिनिधि को अवगत कराने के लिए पत्र केे माध्यम से कब भेजा गया सभी विवरण दर्ज किया जाए। समिति ने कहा कि कांशीराम योजना के तहत जो आवास बनाये गये है, वहां पर अवैध रूप से जो लोग रह रहे है, उनका चिन्हॉकन करते हुए उन्हें वहां से बाहर करने की कार्यवाही करने के लिए कहा है।
समिति के सदस्य श्री उमेश द्विवेदी ने सभी अधिकारियों से कहा कि सभी अधिकारी जनप्रतिनिधियों के पत्रों का समय पर उत्तर दे तथा यदि कोई जनप्रतिनिधि उनके पास फोन करता है तो उनका फोन रिसीव किया जाए तथा उनकी बातो को सुनते हुए सही जवाब दिया जाए। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि द्वारा बताया गया कार्य यदि नियमानुसार सही है तो उसे निर्धारित समय सीमा के अन्दर निस्तारित कर अथवा यदि कार्य किन्ही कारण से होने लायक नही है तो उसे कारण सहित अवगत कराया जाए।
सदस्य किरण पाल कश्यप ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जल जीवन मिशन के तहत जो कार्य किए जा रहे है समय से पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए तथा जो सड़के पाइप डालने व अन्य कार्याे के लिए खोदी गई है उन्हें ससमय गुणवत्तापूर्ण मरम्मत करा दिया जाए ताकि जनता को राहत मिल सकें।
सदस्य श्री बाबू लाल तिवारी ने कहा कि जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक सभी अधिकारियों व पुलिस अधिकारियों थाना सहित को यह सुनिश्चित कराए कि कम से कम उस जनपद के जनप्रतिनिधि का नाम सहित फोन नम्बर उनके मोबाइल फीड हो और वे फोन को रिसीव करे।