किशनपुर बवाल में पुलिसकर्मियों के निलंबन की कार्यवाही पर उठे सवाल
यूपी फाइट टाइम्स
ठा. अनीष रघुवंशी
फतेहपुर– किशनपुर कस्बे में होली के दिन हुए खूनी संघर्ष व बड़े बवाल के बाद आखिरकार एक दरोगा समेत कई पुलिसकर्मियों पर निलंबन की कार्रवाई कर दी गई जिसके बाद क्षेत्र में इस कार्रवाई को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं ।
जानकारी के मुताबिक किशनपुर कस्बे में होली के दिन दो पक्षों के बीच खूनी संघर्ष हो गया था और यह खूनी संघर्ष बड़ा बवाल बन गया जिसके बाद भारी पुलिस बल लगाया गया था और जिले के आला अधिकारियों को भी मौके पर आना पड़ा जिसे शांत कराने के लिए पुलिस के हाथ पैर फूल गए लेकिन मामला खून खराबे की ओर बढ़ता गया कड़ी मशक्कत के बाद किसी प्रकार से पुलिस ने इस मामले को ठंडा कराया लेकिन रविवार की देर शाम के मामले में पुलिस अधीक्षक ने कड़ा रुख अपनाते हुए एक दरोगा समेत कई पुलिसकर्मियों पर निलंबन की कार्यवाही कर दी क्षेत्र में इस कार्यवाही को लेकर कई सवाल खड़े हो गए दरअसल यह पूरी कार्यवाही पुलिसकर्मियों पर घटना के दौरान लापरवाही बरतने और समय से घटनास्थल पर ना पहुंचने के आरोप हैं इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक ने क्षेत्राधिकारी को जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे जिस पर क्षेत्राधिकारी ने मामले की जांच कर रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को सौंपी थी जिसके आधार पर उप निरीक्षक अरविंद कुमार यादव समेत आरक्षी विनोद कुमार , मदनलाल, बिरजू यादव, को पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया है लेकिन इस पूरे निलंबन की कार्यवाही पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि जब यह मामला अचानक गर्म हुआ तब कई पुलिसकर्मी क्षेत्र में दूसरी जगह पर ड्यूटी पर थे और जो उस बीट का सिपाही भी नहीं है इसका हल्का भी नहीं है उस पर भी कार्यवाही कर दी गई जो सरासर गलत है हालांकि इस पूरे बवाल में पुलिसकर्मियों ने जी तोड़ मेहनत करते हुए मामले को शांत कराने की कोशिश की थी जिसमें कई पुलिसकर्मी चोटिल पर हुए थे लेकिन उन्ही पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही कर देना यह समझ से परे है और यह कार्रवाई उनके मनोबल को तोड़ती है जबकि पुलिस कर्मियों द्वारा पूरे बवाल में किया गया संघर्ष सराहनीय रहा है वहीं पूरे मामले में पुलिसकर्मियों ने भी भेदभाव करने का आरोप लगाया है खैर इस कार्यवाही को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं और लोग इस कार्यवाही से नाखुश हैं वहीं थाना अध्यक्ष पर जांच बैठा दी गई ।
वही पुलिस अधीक्षक इस कार्रवाई से कस्बे के लोगों ने छोटी मछली को बड़ी मछली निकलने वाली कहावत को चरितार्थ करना करार किया है और पुलिस अधीक्षक के इस फैसले को सरासर गलत बताया है लोगों का मानना है कि थाना अध्यक्ष को बचाने के लिए बेगुनाह पुलिसकर्मियों पर यह पूरी राजनीति खेली जा रही है ।