खुद को लोडर रिक्सा का हैण्डल सभाला और जीवन यापन करने को मजबूर
आर पी यादव ब्यूरो कौशाम्बी
कौशाम्बी:–तीन मासूम बच्चों को ट्राली चलाकर पाल रही सिराथू तहसील के परसीपुर गांव की है
मजबूरी इतनी बेरहम होती है कि वह इंसान से कुछ भी करा सकती है और इसी का प्रमाण दे रही हैं यह तश्वीरें मजबूरी इतनी बेरहम होती है कि वह इंसान से कुछ भी करा सकती है और इसी का प्रमाण दे रही हैं यह तश्वीरें
पुरुषों की भांति सड़क पर लोडर रिक्शा चलने वाली यह यूपी के कौशाम्बी की परमिता है।इनके पति का बीते दिनों कोरोना काल में निधन हो गया था।जिसके बाद इन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने तीन मासूम बच्चों को पालने के लिए घर से पैसे कमाने के लिए निकल पड़ी।परमिला रोज सुबह बच्चों के लिए खाना पकाने के बाद रिक्शा लेकर बाजार के लिए निकल पड़ती हैं और जहां के लिए भी उन्हें भाड़ा मिलता है वो चल देती है इनके मुताबिक वह रोजाना 300 से 500 रुपए कमा लेती है।
जब उनकी मजबूरी के बारे में पूंछा तो उनकी आंखें छलक पड़ी और वह काफी देर तक कुछ भी नहीं बोल सकी।इस दौरान आसपास से गुजर रहे लोग भी इकट्ठा हो गए और सभी परमिला पर तरस खाने लगे इस दौरान एक महिला ने कहा की दुख बड़ा है और इनकी मदद हर हाल में होने चाहिए और यह वीडियो भी रुकनी नहीं चाहिए आप सभी लोग इसे शेयर करें जिससे मोदी सरकार तक इनकी बात पहुंचे।परमिला ने बताया कि पति के गुजरने के बाद उनका साथ सभी अपनों ने छोड़ दिया था जिससे वह टूट चुकी थी और हर पल जान देने के लिए सोंचती थी लेकिन जब वह अपने तीन छोटे छोटे मासूम बच्चों की ओर देखती तो वह बच्चों को अपने सीने से लगा कर फफक फफक कर रो पड़ती थी।काफी साहस कर उन्होंने अपने आप को संभाला और फिर बच्चों के गुजर बसर के लिए खुद लोडर रिक्शा की हैंडल थाम ली और रिक्खा चलाने लगीं.