ज्ञानेश्वर बरनवाल देवरिया
देवरिया बरियारपुर: कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने बरियारपुर स्थित छोटी गंडक नदी में स्नान कर पूजा-अर्चना की। इस मौके पर हरिहर क्षेत्र में आयोजित होने वाला मेला अपनी 500 साल पुरानी परंपरा के साथ भव्य रूप में आयोजित हुआ। यह मेला तीन दिनों तक चलता है और हर साल लाखों श्रद्धालु इस धार्मिक आयोजन में भाग लेते हैं।
गुद्दीजोर कुशहरी घाट पर श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा देखा गया, जहां गुरुवार रात से ही लोग पहुंचने लगे थे। शुक्रवार सुबह चार बजे से स्नान और पूजा का सिलसिला तेज हो गया। श्रद्धालुओं ने नदी में स्नान करने के बाद ध्यान और पूजा-अर्चना की। इसके बाद, मेले में खरीदारी करने का सिलसिला शुरू हुआ। इस बार भी खेतों की सिंचाई में उपयोगी हाथा की बिक्री ने मेले में खास आकर्षण बटोरा।
कार्तिक पूर्णिमा के इस धार्मिक अवसर पर क्षेत्रीय लोग भी शामिल हुए, और जनश्रुतियों के अनुसार, 500 साल पहले हरिहर मिश्रा ने इस मेले की शुरुआत की थी। इस मेले में गोरखपुर, कुशीनगर, बिहार के सिवान और गोपालगंज जैसे कई जिलों से लोग आते हैं। इस मेले को लेकर स्थानीय लोगों में खासा उत्साह रहता है। गुद्दीजोर, महुआ पाटन, बरियारपुर, मुजहना, चमनपुरा, उदयपुरा और आसपास के गांवों के लोग इस अवसर पर अपने घर लौटते हैं, जबकि वे आमतौर पर बाहर रहकर काम करते हैं।
मेले में पुलिस प्रशासन की सक्रियता भी रही, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। कुशहरी निवासी नित्यानंद पांडे ने बताया, “मैं हर साल गुजरात से इस मेले में भाग लेने आता हूं और इस पर आधारित अपनी रचित कविता भी सुनाता हूं।”
कविता का अंश:
कार्तिक पूर्णमा स्नान, गाँव कुशहरी महान। सदियों प्राचीन मेला, घूमने भी जाइये।। यूपी देवरिया जिला, गाँव कुशहरी खिला। लगता विशाल मेला, नैन लाभ पाइये।। बालसखा संग – संग, मन भरे कई रंग। बालपन लौट आया, सभी संग आइये।।
इस भव्य मेले ने श्रद्धालुओं को आस्था के रंगों में रंगने और अपने पुराने अनुभवों को फिर से जीने का अवसर प्रदान किया।