युपी फाइट टाइम्स
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया
रामकिशोर यादव लखनऊ ब्यूरो चीफ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की जयंती के अवसर पर लखनऊ महानगर द्वारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा विधान परिषद सदस्य, महापौर संयुक्ता भाटिया, डॉक्टर नीरज बोरा ने भी पुष्पांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि के उपरांत मुख्यमंत्री जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज महान शिक्षाविद, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की पावन जयंती है।
मैं इस अवसर पर भारत माता के इस महान सपूत को देश के प्रति उनकी सेवाओं के लिए नमन करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।देश व समाज के प्रति उनकी सेवाओं को देखते हुए आजादी के बाद बनी अंतरिम सरकार में उन्हें उद्योग एवं खाद्य विभाग मंत्रालय का महत्वपूर्ण दायित्व मिला था।
डॉ. मुखर्जी जी ने ब्रिटिश हुकूमत के तमाम षड्यंत्रों को बेनकाब करने व समय रहते सचेत करने का काम किया था।बंगाल त्रासदी के दौरान डॉ. मुखर्जी जी की उल्लेखनीय सेवाएं स्मरणीय रही हैं।
कश्मीर आज अगर भारत का हिस्सा है तो उसके पीछे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी का संघर्ष और उनका बलिदान है।आज उनकी 122वीं पावन जयंती है।
यह वर्ष देश की आजादी के अमृत महोत्सव का भी है। भारत माता के इस महान सपूत को मैं प्रदेशवासियों की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हू।
डॉ. मुखर्जी जी ने आजाद भारत में नारा दिया था कि एक देश में ‘दो प्रधान, दो विधान और दो निशान’ नहीं चलेंगे।
उस सपने को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमें साकार करने में मदद मिली है।
कश्मीर आज विकास की नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर हो रहा है
महानगर मीडिया प्रभारी प्रवीण गर्ग ने बताया कि कार्यक्रम में पूर्व विधायक सुरेश चंद्र तिवारी, महानगर महामंत्री त्रिलोक सिंह अधिकारी, सुनील यादव, मध्य विधानसभा प्रत्याशी रजनीश गुप्ता, मनीष गुप्ता, महानगर उपाध्यक्ष विवेक तोमर, घनश्याम अग्रवाल सौरभ बाल्मीकि, कोषाध्यक्ष हेमंत दयाल, नगर मंत्री अमोद कुमार, दीपू शुक्ला मुख्य रूप से उपस्थित रहे।