ज्ञानेश्वर बरनवाल देवरिया
देवरिया जनपद के सलेमपुर तहसील क्षेत्र के गाँव दोघरा में चल रहे श्रीमदभागवत कथा के दूसरे दिन बिहार सरकार के पूर्व डीजीपी परम श्रद्धेय गुप्तेश्वर पांडेय जी महाराज ने अपने मुखारविंद से उपस्थित हजारों श्रद्धालु भक्तों को भागवत कथा का रसपान कराते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत कथा बड़े से बड़े पापियों को भी पापमुक्त कर देती है। जो व्यक्ति भागवत कथा आत्मसात कर लेता है, वह सांसारिक दुखों से मुक्त हो जाता है।
मनुष्य जीवन में हर किसी को भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए क्योंकि इससे पापों से मुक्ति मिल जाती है और इंसान का जीवन पाप मुक्त हो जाता है |
श्री गुप्तेश्वर पांडेय जी महाराज ने आगे कहा कि आज जो हमारी सभ्यता और संस्कृति के अवशेष भी बचे हैं, वह सिर्फ मातृ शक्ति की वजह से बचे हैं। धन संचय और हर तरह वैभव का सृजन आज पुरुष और स्त्री दोनों का लक्ष्य और जीवन ध्येय बन गया है। मृत्य, जीव धरा का एक मात्र सत्य है। अपने जीवन काल में आपने कैसे कर्म से अपने जीवन को जिया, सिर्फ यही प्रासांगिक होता है। अन्तःयात्रा से ही मानवीय चेतना को टटोला जा सकता है। चैतन्य होना, जीवन की बड़ी कामयाबी है। बिगड़े को संवारना, उजड़े को बसाना और बेरंगी जीवन को रंगों से भरना, सफल जीवन की जरूरत है। चित्त और मन को अपने वश में करने के बाद ही असली जीवन का अहसास कराता है। दृष्टिगत भोग की सारी चीजें मिथ्या है। लोग सिर्फ आनंद लेने में ही रम जाते हैं, उन्हें परमानंद के बारे में कोई खबर ही नहीं हो पाती है। गृहस्थ जीवन में ठाकुर को साक्षी मान कर ही अर्थवान जीवन जिया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जीवन में यदि मान, बड़ा पद या प्रतिष्ठा मिला जाए तो उसे ईश्वर की कृपा मानकर भलाई के कार्य करना चाहिए, लेकिन यदि उसका जीवन में किंचित मात्र भी अभिमान हुआ तो वह पाप का भागीदार बना देता है।
उक्त अवसर पर काशीनाथ मिश्र,विद्याशंकर मिश्र, गुलाब देवी,अखिलेश मिश्र,कमलेश मिश्र,श्रीप्रकाश मिश्र,अमृता मिश्र,रविशंकर मिश्र,अजय दूबे वत्स,अभिषेक मिश्र आदि मौजूद रहे।