किसान मेले में शामिल हुए कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, बीजीय एवं मसाला फसलों की खेती का किया अवलोकन

किसान मेले में शामिल हुए कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, बीजीय एवं मसाला फसलों की खेती का किया अवलोकन

अजमेर जिले के तबीजी में स्थित राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र में आयोजित हुए बीजीय मसाला किसान मेले के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी

अजमेर

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी शुक्रवार को अजमेर जिले के दौरे पर रहे। कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने यहां जिले के तबीजी में स्थित राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र में आयोजित हुए बीजीय मसाला किसान मेले के शुभारंभ कार्यक्रम में भाग लिया।
इस दौरान कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र व कृषि विज्ञान तबीजी में की जा रही सौंफ, मशरूम सहित विभिन्न बीजीय एवं मसाला फसलों की खेती का अवलोकन किया।

इस मेले में विभिन्न राज्यों के लगभग 1500 किसान भाग ले रहे है एवं किसान उपयोगी तकनीकी प्रदर्शन के लिए 60 स्टाल लगाई गई है। साथ ही मेले में कृषि संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए कृषक वैज्ञानिक संवाद का भी आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम एवं मेले में अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी, पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत, नसीराबाद विधायक रामस्वरूप लाम्बा, अजमेर देहात भाजपा जिलाध्यक्ष देवीशंकर भूतड़ा, अजमेर शहर जिलाध्यक्ष डॉ. प्रियशील हाड़ा, संस्थान के अधिकारी गण एवं कृषि वैज्ञानिकों सहित आसपास के क्षेत्रों से आए हजारों की संख्या में किसान बंधु भी उपस्थित रहे।

मुख्य मेला समारोह में संबोधन के दौरान संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि स्वच्छ, सुरक्षित और अधिक उत्पादन प्राप्त करने की दिशा में अनुसंधान केंद्र द्वारा किये जा रहे प्रयास सराहनीय है। कैलाश चौधरी ने कहा कि इस मेले का उद्देश्य स्वच्छ एवं सुरक्षित उत्पादन के माध्यम से उत्तम स्वास्थ्य एवं किसानों की आय बढ़ाना है। भारत बीजीय मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता एवं निर्यातक देश है। कृषि राज्य मंत्री चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार आधुनिक एवं जैविक खेती की दिशा में सतत रूप से कार्य कर रही है। किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए एफपीओ, ड्रोन आधारित कृषि क्रियाएं, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर, कृषि उद्योग स्थापना हेतु 2 करोड़ ₹ की अनुदान राशि सहित अनेक निर्णय लिए गए है।

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