बलिया जनपद में नकल माफियाओ की पोल खोलने वाले पत्रकारों को गिरफ्तार कर जेल भेजने पर पत्रकारों में आक्रोश

बलिया जनपद में नकल माफियाओ की पोल खोलने वाले पत्रकारों को गिरफ्तार कर जेल भेजने पर पत्रकारों में आक्रोश

ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश जनपद कौशाम्बी ने महामहीम राज्यपाल के नाम जिला अधिकारी कौशाम्बी को ज्ञापन दिया

 ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के जिला अध्यक्ष रमेश चंद्र अकेला ने कहा कि बलिया घटमपुर में पत्रकारो पर मुकदमा लिखा जाना बहुत ही निंदनीय है हम इसकी घोर निंदा करता हु 

ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के मण्डल अध्यक्ष सतीश गोयल ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में में पत्रकारों के उत्पीड़न की घटनाए लगातार बढ़ रही है ,अभी हाल में ही बलिया जनपद एवं उसके आसपास के अन्य जनपदों में सुनियोजित एवं बड़े पैमाने पर नकल कराई जाती है । स्थानी पत्रकार अजित ओझा, दिग्विजय सिंह व मनोज गुप्ता को अंग्रेजी के प्रश्न पत्र लीक प्रकरण को उजागर करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया ।बलिया जिला प्रशासन नकल माफियाओ पर सीधी कार्यवाई करने के बजाय कलम के सिपाहियों का मुहँ बंद करने और हांथ बाधने की कोशिश के साथ पत्रकारिता का गला घोटने का काम किया जा रहा है ।इस कृत्य से पूरे प्रदेश के पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त हो गया है ।
ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन निम्न लिखित विन्दुओं पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए मांग किया है कि —
1-नकल माफियाओ के कुकृत्य की व्यापक जांच एवं पेपर लीक का खुलासा करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाई के साथ उक्त पत्रकारों के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस हो ।
2–बलिया जनपद के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक व अन्य अधिकारियों की भूमिका की न्यायिक जांच कराई जाए व जांच परिणाम आने तक उन्हें निलंबित कर दिया जाय,जिससे जांच प्रक्रिया को प्रभावित न् किया जा सके ।
3- प्रदेश में पत्रकार उत्पीड़नकी घटनाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए ।
4-विभिन्न समाचार पत्रों/चैनलों /मीडिया संस्थानों में कार्यरत पत्रकारों को शासन स्तर से सूची बद्ध किया जाय ।
5 -उत्तर प्रदेश की प्रेस मान्यता नियमावली में संशोधन कर उसमें पत्रकारों की सुरक्षा के लिए उपबंध शामिल किया जाए ।
6 उत्तर प्रदेश में पत्रकार आयोग का गठन करके उसमें मान्यताप्राप्त सभी संगठनों को प्रतिनिधित्व दिया जाए ।
7-उत्तर प्रदेश में किसी भी पत्रकार को किसी प्रकारण में कथित रूप से संलिप्त पाए जाने की दशा में तब तक गिरफ्तारी न की जाए जब तक पुलिस विभाग के एक राजपत्रित अधिकारी स्तर से उसकी जांच पूरी न कर ली जाए ।
ज्ञापन देने वालो में मोहम्मद अरशद ,अमरेन्द्र कुमार,नौसेब ,श्रवण तिवारी,मोहम्मद सैफ,लवलेश कुमार, प्रभाकर, आदि पत्रकार लोग मैजूद रहे

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