अगर जीव हत्या पर तुरंत रोक नहीं लगी तो उनके खाल, मांस, हड्डी के सड़ने की बदबू से शुद्ध हवा ऑक्सीजन मिलना हो जाएगा बंद, दम घुट करके मरेंगे लोग

बाराबंकी (उ.प्र.)आगामी तकलीफों से पहले ही चेताने वाले, बचने का उपाय बताने वाले, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 6 दिसम्बर 2023 दोपहर बाराबंकी (उ.प्र.) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि सतसंग का सुख स्वर्ग बैकुंठ से भी ज्यादा बताया गया है लेकिन कब? जब सतसंग के वचनों को सुना जाए, पकड़ा जाए और अमल किया जाए। यह समझा जाए की भाई-भाई का प्रेम क्या होता है, पिता-पुत्र का फर्ज क्या होता है? पति-पत्नी का कर्तव्य क्या होता है, आदि इन बातों को समझा जाए की प्रकृति के नियम के खिलाफ काम मत करो।

यह धरती, आसमान, हवा, पानी, पेड़, पौधे, जानवर आदि को जिसने बनाया, वही है प्रकृति। प्रकृति और पुरुष, यही दो शुरू में हुए थे। इनका नियम है जिनको तोड़ा न जाए। जैसे पेड़ लगाया जाए, काटा न जाए। जानवर पाला गया, उसको मारा न जाए, उसका उपयोग किया जाए। बकरी पालते हो तो बकरी का दूध पियो, मरे तो अपनी मौत मर जाए, काट करके न खाओ, न बेचो कि कोई ले जाए और काट करके खाए। यह क्या है? प्रकृति का नियम है। इसके नियम को तोड़ा न जाए।

धरती साफ-सुथरा रहना पसंद करती है। आप भी पसंद करते हो, साफ सुथरी जगह पर आप बैठते हो, जमीन साफ सुथरी हो तो बैठ जाते हो। ऐसे ही धरती को साफ सुथरा रखा जाए। जब इस धरती पर खून बहता है, चाहे जिसका खून बहे, जब हड्डी मांस डाला जाता है, कुछ समय में इसमें घुल जाता है, तब धरती गंदी होती है। इसी धरती पर देखो, दूध अक्षत फूल पत्ती चढ़ाते हैं, इसी पर मुर्गा बकरा लोग काट करके चढ़ा देते हैं। धरती को साफ सुथरा रखा जाए तब धरती खुश रहती है।

हवा देखो दूषित होती चली जा रही है। हवा कब शुद्ध मिलेगा? जब हवा में गंदगी नहीं रहेगी। जैसे बकरा काटा गया, उसका बहा खून, खाल हड्डियां पड़ी हुई है, जो हवा उसमें से टकराएगी और आगे जो जाएगी तो उसमें भी बदबू आ जाएगी, वह भी गंदी हो जाएगी। आप देखते हो, कुत्ता मरा पड़ा रहता है, सड़ने लगता, कोई फेकता नहीं है तो उधर से निकलना मुश्किल हो जाता है, हवा दूषित हो जाती है। इसलिए इसको साफ सुथरा रखा जाए। देखो जगह-जगह पर कह रहे हैं, आए दिन यह बात आ रही है की सांस लेना मुश्किल हो रहा है। अगर यही हाल रहा तो कुछ समय के बाद हवा ऑक्सीजन मिलना लोगों को बंद हो जाएगा। दम घुट करके लोग मरेंगे। इसलिए इस चीज़ को लोगों जो समझने कि जरूरत है कि प्रकृति को छेड़ा न जाए, प्रकृति के नियम का पालन किया जाए।

देखो जल क्यों गंदा हो जाता है? उसमें भी गंदी चीज डाल देते हैं। जमीन पर पड़ी हुई गंदगी है, बारिश हुई, उसमें मिल करके नदी में चला गया। मान लो गंदगी खाने वाले जानवर इतने नहीं हैं, तो पानी गंदा हो ही जाएगा। इन सारी चीजों को साफ सुथरा रखना चाहिए, यह है सतसंग की शिक्षा। इसके अलावा आत्मा-परमात्मा को जानना और अपना आत्म कल्याण करना भी सतसंग की शिक्षा है।

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