शुरू में केवल अनामी पुरुष, अनामी लोक था -सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज
जयपुर (राजस्थान) नाम रूपी अनमोल अध्यात्मिक दौलत देने के इस समय धरती पर एकमात्र अधिकारी, आदि से अंत तक के सभी भेद पूरे जानने वाले, हर तरह से समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 3 जुलाई 2023 प्रातः जयपुर (राजस्थान) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि ये वो नाम है जिसके लिए गोस्वामी जी ने कहा- कलयुग केवल नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उतरे पारा, राम न सकहि नाम गुण गाहीं, कहलग करूं मैं नाम बढ़ाई, मीरा ने कहा- पायो री मैंने नाम रतन धन पायो, नानक जी ने कहा- सब राक्षस को नाम जपायो, आमिष भोजन तिन्हे तजवायो, लोगों ने कहा- नाम रसायन पीजिए यही अवसर यही दांव, फिर पीछे पछतायेगा जब चला चली हो जाओ, कहा- नाम नाम सब कोई कहे, नाम न चीन्हा कोय, नाम चीन्हा सतगुरु मिले नाम कहावे सोए। नाम के बारे में बहुत लोगों ने लिखा है। कई महात्माओ की बात देखो मैंने आप लोगों को (आज सतसंग में) बताया। तो यह वह ध्वन्यात्मक नाम है। इन्हीं नामों को मनु और शतरूपा ने याद किया था। तपस्या करते-करते सूख गए थे। जब यह ध्वन्यात्मक नाम उनको सुनाई पड़ा, जब उनके कानों में यह नाम आया तब उनके अंदर स्फूर्ति आई थी। श्रवण रंध सुर जब आए, तब हष्ट पुष्ट तन भय सुहाये। नाम की शक्ति से, शब्द की ताकत से एकदम से तंदुरुस्त हो गए थे। तो ये वह पांच नाम है।
शुरुआत में केवल अनामी प्रभु का अनामी लोक था
महाराज जी ने 2 जुलाई 2023 दोपहर जयपुर (राजस्थान) में बताया कि जीव अनामी धाम का है। अनामी धाम का नाम आप बहुत से लोग नहीं सुने होंगे। कहोगे अनामी धाम कहां है? तो कहोगे हमारे गांव शहर जिला देश से 10 -20 किलोमीटर दूर होगा। वो हैं कहां? अनामी धाम बहुत दूर है, जहां कोई जल्दी जा नहीं सकता है। वहां है। इस दुनिया में कभी ऐसा समय था जब कुछ था ही नहीं। यह दुनिया, धरती, आसमान, पेड़-पौधे, जानवर नहीं थे। यह दुनिया जो पिंड लोक कहलाती है, अंड लोक जहां देवी-देवता, ब्रह्मा, विष्णु, महेश रहते हैं, इसके ऊपर ब्रह्मांड जहां पर काल और बह्म रहते हैं, उसके ऊपर महाकाल लोक, सतलोक, अलख लोक, अगम लोक भी नहीं थे। केवल एक अनामी प्रभु, अनामी लोक था। उसका कोई नाम नहीं इसलिए उसको अनामी कहा गया। उसके लोक का कोई ओर-छोर नहीं है। कितना बड़ा है, उसका वर्णन आज तक कोई कर ही नहीं पाया। अब वह अनामी पुरुष, यही शब्द है। शब्द कौन सा? यही आवाज है। यह आप बोलते, करते हो, आवाज आसमान से आती है, बादल गरजते हैं, यह जो बाजा बजता है, आवाज निकलती है, यही एक आवाज थी। अब भी वह शब्द रूप में ही है। तो वहां पर सारी जीवात्मायें खचाखच भरी हुई हैं।
पशु-पक्षी के सामने भी इन पांच नामों को नहीं बताना है
महाराज जी ने 2 जुलाई 2023 प्रातः जयपुर (राजस्थान) में बताया कि यह पांच नाम (जो आज के सतसंग में आपको बताये गए) हैं, इसको आप किसी को बताना मत। और साधना जब आप करोगे, ध्यान लगाओगे ,ऊपरी लोकों में जाओगे, आनंद पाओगे तो बहुत खुश हो जाओगे। तो उसको किसी को भी बताना नहीं है। बस यही बात रट लो- किसी को नहीं बताना है। कुत्ता बिल्ली के सामने भी यह नाम नहीं बोलना है। बहुत प्यारे होते हैं तोता, तोता को भी कहीं नहीं पढ़ाने लग जाना, यह बात आपको बता दे रहा हूं।