गुडफ्राइ डे की तैयारी,राख का बुधवार आज।।
(मसीही समाज में 40 दिन का उपवास, राख लगाने का कारण)
रिपोर्ट ÷दिलीप भटट
गोरखपुर। मसीही समाज में 40 दिन का उपवास बुधवार यानी आज से शुरू हो रहा है। इस उपवास की समाज में काफी अहमियत है। इन विशेष दिनों में समाज का लगभग हर व्यक्ति 24 घंटे में एक बार दिन ढलने के बाद सात्विक भोजन करता है। यह वक़्त खुद को ईश्वर से जोड़ने और किए गए गुनाहों के प्रायश्चित का होता है। इन खास दिनों की शुरुआत राख बुधवार से होती है। इस दिन पुरोहित कलीसिया के सभी लोगों के माथे पर राख लगते हैं। और यह याद दिलाते हैं कि वह मिट्टी हैं और मिट्टी में मिल जाएंगे। मतलब हर किसी को एक दिन ईश्वर के अंश में मिल जाना है।
क्यो रखते है 40 दिन का उपवास —
प्रभु यीशु ने लोगों तक अपने उपदेशों को पहुंचाने से पहले चालीस दिनों तक बिना कुछ खाए ईश्वर से प्रार्थना की इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मसीही लोग अपने पापमय जीवन का परित्याग करते हुए, उपवास एवं परहेज के साथ ईश्वर से प्रार्थना करते हुए पवित्र जीवन जीने की कामना करते हैं। 40 दिन के उपवास में पूरा समाज प्रभु यीशु के महान बलिदान पर मनन करते हैं।
इस पवित्र काल में लोगों को त्याग प्रार्थना तथा भले कार्यों को बढ़ावा देना चाहिए जिससे वे प्रभु यीशु के साथ अधिक आत्मीयता से जुड़ सकें, प्रभु यीशु ने कहा ‘दयालु बनो, जैसे कि तुम्हारा पिता दयालु है’। इस समयावधि में ईसाई समाज अपने धार्मिक तथा आत्मिक क्रियाकलापों के साथ आत्मशुद्धि और चरित्र सुधार के लिए भी प्रयास करते हैं। अपनी बुरी आदतों को पीछे छोड़कर, नये परिवर्तन के साथ, अपनी गलतियों के लिए प्रभु यीशु से क्षमा मांगते हैं। यीशु के बताये मार्ग को अपनाते हैं। प्रभु यीशु ने कहा है कि “अपने पड़ोसियों से अपने समान प्रेम करो” । समाज मानता है कि मानवीय प्रेम हमें ईश्वरीय प्रेम से जोड़कर परमात्मा का दर्शन कराता है। उक्त बातें रेव्ह अजीत लॉरेंस ने बातों बातों में बताया।