जिला पंचायत सभागार में गेहूं खरीद की समीक्षा बैठक सम्पन।
(क्रय केन्द्र प्रभारियों को डीएम की चेतावनी, यदि गेहूं खरीद में तेजी नहीं आई तो होगी कार्रवाई)
रिपोर्ट दिलीप भटट गोन्डा।
*गोन्डा।* सोमवार को जिला पंचायत सभागार में जिलाधिकारी डाॅ0 उज्ज्वल कुमार की अध्यक्षता में रबी विपणन खरीद वर्ष 2022-23 के अन्तर्गत होने वाली गेहूं खरीद को पंचायत सभागार में विपणन विभाग के अधिकारियों, सहकारी समितियों, विभिन्न क्रय एजेन्सियों के अधिकारियों तथा गेहूं खरीद के लिए बनाए गए सभी 90 क्रय केन्द्रों के प्रभारियों से समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान लक्ष्य के सापेक्ष गेहूं खरीद न किये जाने पर असंतोष व्यक्त किया।
उन्होंने सभी क्रय केन्द्र प्रभारियों तथा क्रय एजेन्सियों के प्रभारियों को कड़ी फटकार लगाते स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि गेहूं खरीद में तेजी नहीं आई तो संबंधित के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार लक्ष्य के सापेक्ष गेहूं खरीद कराना सुनिश्चित करें। साथ ही यह भी निर्देश दिये हैं कि किसी केंद्र में सीएमआर व धान खरीद का भुगतान बकाया है तो तत्काल भुगतान कर दें। अन्यथा कि दशा में संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी जायेगी।
जिलाधिकारी ने आगाह किया कि यदि गेहूं खरीद में दलालों या बिचौलियों के शामिल होने की पुष्टि या शिकायत मिलेगी तो निश्चित ही संबन्धित क्रय केन्द्र के प्रभारी व जिला स्तरीय अधिकारी जिम्मेदार होगें।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि क्रय केन्द्रों पर प्रभारी स्वयं उपस्थित रहें तथा फ्लैक्स या बैनर पर केन्द्र प्रभारी सहित उच्चाधिकारियों के मोबाइल नंबर प्रदर्शित किए जाएं।
बैठक में गेहूं खरीद के प्रभारी/एडीएम सुरेश कुमार सोनी, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी प्रज्ञा मिश्रा, जिला कृषि अधिकारी जेपी यादव, भारतीय खाद्य निगम के अधिकारी, क्रय एजेंसियों के जिला स्तरीय अधिकारी, विपणन निरीक्षकगण, तथा सभी क्रय केन्द्रों के प्रभारी उपस्थित रहे।
गर्मी के दिनों में अग्निकांड से बचाव के संबंध में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एडवाइजरी जारी, डीएम ने दिए टिप्स
रिपोर्ट दिलीप भटट गोन्डा।
*गोन्डा।* तेजी से बढ़ रही गर्मी के दृष्टिगत संभावित अग्नि काण्डों से बचाव को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। प्राधिकरण के अध्यक्ष जिलाधिकारी डाॅ0 उज्ज्वल कुमार ने जनसामान्य को बचाव के टिप्स देते हुए सचेत किया है। उन्होंने कहा कि गर्मी के दिनों में जब तेज पछुआ हवा चलती है तो हमारे गांवों में अग्निकांड बड़े पैमाने पर होते हैं और फलतः हमारे घर, खेत, खलिहान एवं जान-माल को भारी क्षति पहुंचती है। जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण इन घटनाओं से होने वाली क्षति को कम करने के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष/जिलाधिकारी डाॅ0 उज्ज्वल कुमार ने इस संबंध में बताया कि बहुत छोटी छोटी सावधानियां बरत कर हम अग्निकांड की घटनाओं को रोक सकते हैं।
उन्होंने कहा कि गर्मी में लगने वाली आग से गांव अत्यधिक प्रभावित होते हैं। ऐसे में रसोई घर यदि फूस का हो तो उसकी दीवाल पर मिट्टी का लेप अवश्य लगा दें। रसोई घर की छत ऊंची रखी जाए। आग बुझाने के लिए घर में बोरे में भरकर बालू अथवा मिट्टी तथा दो बाल्टी पानी अवश्य रखें। हवन आदि का काम सुबह नौ बजे से पहले सम्पन्न कर लें। शार्ट सर्किट की आग से बचने के लिए बिजली वायरिंग की समय पर मरम्मत करा लें। मवेशियों को आग से बचाने के लिए मवेशी घर के पास पर्याप्त मात्रा में पानी का इंतजाम रखें एवं उनकी निगरानी अवश्य करते रहें। गर्मी के दिनों में दिन में तेज व गर्म हवाएं चलती हैं इसलिए जहां तक सम्भव हो गर्मियों में दिन का खाना 9 बजे सुबह से पूर्व बना लें तथा रात का खाना शाम 6 बजे के बाद बनाएं। बिजली के ढीले तारों से निकली चिंगारी भी आग लगने का कारण बन जाती है। अतएव जहां कहीं भी ढीले तार दिखें उसकी सूचना बिना देर किए बिजली विभाग को दें। आग लगने पर सर्वप्रथम समुदाय के सहयोग से आग बुझाने का प्रयास करें। आवश्यकता होने पर आग बुझाने हेते पफायर बिग्रेड एवं प्रशासन को तुरंत सूचित करें। अगर कपड़ों में आग लगे तो जमीन पर लेटकर या लुढ़क कर उसे बुझाने का प्रयास करें।
जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव ने जनसामान्य को आग से बचाव के बारे में जागरूक करते हुए बताया कि दीपक, लालटेन, मोमबत्ती को ऐसी जगहों पर न रखें जहां से गिरकर आग लगने की संभावना हो। कटनी के बाद खेत में छोड़े डंठलों में आग नहीं लगाएं। भोजन बनाने का कार्य तेज हवा के समय न करें। जलती हुई माचिस की तीली अथवा अधजली बीड़ी एवं सिगरेट पीकर इधर-उधर न फेंकें। खाना बनाते समय ढीले-ढाले और पॉलिस्टर के कपड़े न पहनें। हमेशा सूती कपड़े पहनकर ही खाना बनाएं। सार्वजनिक स्थानों, ट्रेनों एवं बसों आदि में ज्वलनशील पदार्थ लेकर न चलें।
अपर जिलाधिकारी सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि गांवों में आग न लगे इसके लिए प्रचार-प्रसार के लिए क्षेत्रीय लेखपालों को निर्देशित किया गया है।
एसडीएम कर्नलगंज की कार्य शैली से त्रस्त संयुक्त अधिवक्ता मंच का क्रमिक अनशन शुरू
रिपोर्ट दिलीप भटट गोन्डा।
कर्नलगंज, गोण्डा। उपजिलाधिकारी हीरालाल एवं तहसील प्रशासन के कार्य शैली से त्रस्त अधिवक्ताओं ने संयुक्त अधिवक्ता मंच के बैनर तले सोमवार को उपजिलामजिस्ट्रेट न्यायालय के सामने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया। साथ ही नारेबाजी करते हुये राज्यपाल को संबोधित पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भी सौंपा है।
अधिवक्ताओं द्वारा दिये गए ज्ञापन में कहा गया है कि तहसील में भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी व्याप्त है। मुकदमों में जनप्रतिनिधियों का हस्तक्षेप बढ़ गया है, जिससे न्याय प्रणाली प्रभावित हो रही है। न्यायालय पर प्रचलित मुकदमों में जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप रोकने, पीठासीन अधिकारी को कोतवाली/थानों पर जाकर अभियुक्तों को जेल भेजने की कार्रवाई करने पर प्रतिबंध लगाने, न्यायालय पर ही अभियुक्तों को जमानत देने व जेल भेजने की कार्रवाई करने, तहसील के अधिकारियों के चैंबर में फर्जी लोगों का जमावड़ा लगाने पर रोंक लगाते हुये अधिवक्ताओं को सम्मान पूर्वक बैठने के लिये व्यवस्था करने, उच्च न्यायालय के आदेशों/निर्देशो का पालन करने, न्यायालय पर विचाराधीन पत्रावलियों में जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप रोकते हुये गुण दोष के आधार पर निर्णय करने की मांग की गई है। अनशन पर बैठे अधिवक्ता हृदयनरायन मिश्र ने कहा कि जब तक मांगे पूरी नही होगी तब तक अनशन जारी रहेगा। संघ के मंत्री बाबादीन मिश्रा, पूर्व अध्यक्ष संजय मिश्र, पूर्व मंत्री सूर्यकांत तिवारी, अरविन्द शुक्ल, त्रिलोकीनाथ तिवारी, श्यामधर शुक्ल, करमचंद मिश्र सहित अनेकों अधिवक्तागण मौजूद रहे।
कागजों में बने पशु व बकरी शेड धरातल पर नदारद,अधिकारी मौन
(ब्लाक हलधरमऊ में एक ही व्यक्ति के नाम पर हुआ दो पशु शेड का निर्माण)
रिपोर्ट दिलीप भटट गोन्डा।
कर्नलगंज/हलधरमऊ गोण्डा। उत्तरप्रदेश में सत्तासीन योगी सरकार जहां एक ओर भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बातें करती नहीं थक रही है वहीं दूसरी ओर उनके अधीनस्थ जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी भ्रष्टाचार के मामले में नित नए कीर्तिमान स्थापित कर योगी सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं। निरंकुश शासन व्यवस्था की स्थिति यह है कि मामले की जानकारी होने के बाद भी जिम्मेदारों द्वारा भ्रष्टाचारियों पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नही की जाती है बल्कि उन्हें बचाने का भरपूर प्रयास किया जाता है। जिससे यह प्रतीत होता है कि भ्रष्टाचार से अर्जित धनराशि में उनका भी हिस्सा लगता है जिससे भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करने के बजाय जानबूझकर उन्हें खुला संरक्षण प्रदान कर सरकारी धन के बंदरबांट को बढ़ावा दिया जा रहा है। मामला विकास खंड हलधरमऊ के ग्राम पंचायत पहाड़ापुर का है, जहां ग्राम प्रधान ने एक लाभार्थी के नाम पर दो पशु शेड का निर्माण कार्य दर्शाकर मनरेगा योजना के तहत लाखों रुपयों का भुगतान करा लिया है। लाभार्थी भगवान प्रसाद मौर्य उर्फ लल्लू मौर्य को पशुशेड निर्माण की भनक तक नही लगी और सरकारी धन का बंदरबांट भी हो गया। जिसकी जानकारी होने के बाद भी अधिकारियों ने खामोशी की चादर ओढ़ रखी है। दिनाँक 21.10.2020 को लल्लू मौर्य का पशुशेड निर्माण कार्य दर्शाकर मनरेगा योजना के तहत 76,477 रुपये का भुगतान व दिनाँक 24.01.2020 को भगवान प्रसाद मौर्य के घर के सामने पशुशेड निर्माण कार्य दर्शाकर एक लाख रुपये का भुगतान किसी संस्था को कर दिया गया है। जबकि लल्लू मौर्य व भगवान प्रसाद एक ही व्यक्ति का नाम है। जानकारी लेने पर भगवान प्रसाद उर्फ लल्लू मौर्य ने बताया कि न तो हमारा पशुशेड बनाया गया है और न ही हमे सरकारी पैसों का भुगतान कराया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि इसी तरह ग्राम प्रधान ने कई लोगों के नाम पर सरकारी पैसा निकाल लिया परन्तु किसी पशुशेड/ बकरी शेड का निर्माण नही कराया गया है। एसडीएम हीरालाल ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है बीडीओ हलधरमऊ को संपूर्ण प्रकरण की जांच करने हेतु निर्देशित किया गया है।
कागजों में बने पशु व बकरी शेड धरातल पर नदारद,अधिकारी मौन
(ब्लाक हलधरमऊ में एक ही व्यक्ति के नाम पर हुआ दो पशु शेड का निर्माण)
रिपोर्ट दिलीप भटट गोन्डा।
कर्नलगंज/हलधरमऊ गोण्डा। उत्तरप्रदेश में सत्तासीन योगी सरकार जहां एक ओर भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बातें करती नहीं थक रही है वहीं दूसरी ओर उनके अधीनस्थ जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी भ्रष्टाचार के मामले में नित नए कीर्तिमान स्थापित कर योगी सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं। निरंकुश शासन व्यवस्था की स्थिति यह है कि मामले की जानकारी होने के बाद भी जिम्मेदारों द्वारा भ्रष्टाचारियों पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नही की जाती है बल्कि उन्हें बचाने का भरपूर प्रयास किया जाता है। जिससे यह प्रतीत होता है कि भ्रष्टाचार से अर्जित धनराशि में उनका भी हिस्सा लगता है जिससे भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करने के बजाय जानबूझकर उन्हें खुला संरक्षण प्रदान कर सरकारी धन के बंदरबांट को बढ़ावा दिया जा रहा है। मामला विकास खंड हलधरमऊ के ग्राम पंचायत पहाड़ापुर का है, जहां ग्राम प्रधान ने एक लाभार्थी के नाम पर दो पशु शेड का निर्माण कार्य दर्शाकर मनरेगा योजना के तहत लाखों रुपयों का भुगतान करा लिया है। लाभार्थी भगवान प्रसाद मौर्य उर्फ लल्लू मौर्य को पशुशेड निर्माण की भनक तक नही लगी और सरकारी धन का बंदरबांट भी हो गया। जिसकी जानकारी होने के बाद भी अधिकारियों ने खामोशी की चादर ओढ़ रखी है। दिनाँक 21.10.2020 को लल्लू मौर्य का पशुशेड निर्माण कार्य दर्शाकर मनरेगा योजना के तहत 76,477 रुपये का भुगतान व दिनाँक 24.01.2020 को भगवान प्रसाद मौर्य के घर के सामने पशुशेड निर्माण कार्य दर्शाकर एक लाख रुपये का भुगतान किसी संस्था को कर दिया गया है। जबकि लल्लू मौर्य व भगवान प्रसाद एक ही व्यक्ति का नाम है। जानकारी लेने पर भगवान प्रसाद उर्फ लल्लू मौर्य ने बताया कि न तो हमारा पशुशेड बनाया गया है और न ही हमे सरकारी पैसों का भुगतान कराया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि इसी तरह ग्राम प्रधान ने कई लोगों के नाम पर सरकारी पैसा निकाल लिया परन्तु किसी पशुशेड/ बकरी शेड का निर्माण नही कराया गया है। एसडीएम हीरालाल ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है बीडीओ हलधरमऊ को संपूर्ण प्रकरण की जांच करने हेतु निर्देशित किया गया है।
कई गांव एवं कस्बे में काफी संख्या में सरकारी हैंडपंप खराब,लोग बेहाल
(भीषण गर्मी में स्वच्छ पेयजल से वंचित नागरिकों ने की शीघ्र मरम्मत एवं रिबोर कराने की मांग,जिम्मेदार बेखबर)
रिपोर्ट दिलीप भटट गोन्डा।
कर्नलगंज,गोण्डा। भीषण गर्मी के मौसम में जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने नागरिकों की पानी की विकराल समस्या की सुधि लेना भी उचित नहीं समझा है। वहीं शासन प्रशासन की यह उदासीनता स्थानीय लोगों पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है। जहां काफी संख्या में सरकारी हैंडपंप खराब होने से लोगों को स्वच्छ पेयजल नहीं मिल पा रहा है और लोग छोटे नलों से दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। शासन प्रशासन से सभी को मदद की उम्मीद होती है परंतु यहां पर हालात बिल्कुल उलट है,कई महीनों से खराब हैंडपंपों की मरम्मत प्रशासन और जिम्मेदारों द्वारा अभी तक नहीं कराई जा सकी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार जिम्मेदार लोगों से हैंडपंप के मरम्मत की मांग की गई है लेकिन उनकी इस विकट समस्या की ओर जिम्मेदारों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गांव एवं कस्बे के सरकारी हैंडपंप के खराब होने के चलते पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे नागरिक चाहते हैं कि जल्द से जल्द इन सरकारी इंडिया मार्का हैंडपंप की मरम्मत हो जाए जिससे कि स्वच्छ जल मुहैया हो सके। जबकि जिम्मेदार लोग जानबूझकर मूकदर्शक बने हुए हैं। कर्नलगंज तहसील क्षेत्र के ब्लॉक कर्नलगंज, हलधरमऊ, परसपुर एवं कटरा बाजार एवं कस्बा कर्नलगंज अन्तर्गत विभिन्न ग्रामों/ मोहल्लेवासियों के सामने स्वच्छ, शुद्ध पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। यहां शुद्ध पेय जल के नाम पर लगे इंडिया मार्का हैंडपंप खराब होकर कई स्थानों पर सिर्फ दिखावा साबित हो रहे हैं और अपनी मरम्मत की बाट जोहते हुए बदहाली बयां कर रहे हैं। जिनका कोई पुरसाहाल नहीं है। बताते चलें कि तहसील क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों सहित पूरे कस्बे में सैकड़ों हैंडपंप ऐसे हैं जिनमें से या तो बालू युक्त दूषित जल निकल रहा है या फिर खराब होने से पानी तो दूर बालू भी नहीं निकल रहा है। विदित हो प्रायः हैंडपंपों की मरम्मत एवं रिबोर के नाम पर लाखों रूपये कागजों में खर्च दिखाये जाने के बावजूद धरातल पर हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। जबकि जिम्मेदार लोग जानबूझकर मूकदर्शक बने हुए हैं। यही नहीं जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते करीब साठ फीसदी हैंडपंपों का जल दूषित हो चुका है जिससे स्थानीय लोग सरकारी हैंडपंप से दूषित जल पीने पर मज़बूर हैं। ऐसी स्थिति में आम नागरिकों को घरों में लगे छोटे हैंडपंप से पानी पीना पड़ता है। वहीं नागरिकों को दूषित जल से होने वाले तमाम प्रकार के रोगों का भी सामना करना पड़ रहा है। कर्नलगंज, हलधरमऊ, पहाड़ापुर, कटराबाजार, भंभुआ, परसपुर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही कस्बे के बसस्टॉप चौराहे, तहसील परिसर, सड़कों के किनारे सार्वजनिक स्थानों सहित विभिन्न स्थानों पर इंडिया मार्का हैंडपंप तो लगा है लेकिन उसमें से पानी निकलना तो दूर बालू भी नहीं निकल रहा है। वहीं जल न निकलने के कारण सालों से हैंडपंप खराब पड़े हैं। जबकि दूषित जल ही विभिन्न बीमारियों को भी जन्म देता है। शासन का सख्त निर्देश भी है शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। इसके बावजूद गांव सहित कस्बे में शुद्ध एवं स्वच्छ पेयजल की सही व्यवस्था नहीं की गई। जिससे जो इंडिया मार्का हैंडपम्प लगे हैं उनमें से अधिकांश खराब पड़े है और निष्प्रयोज्य साबित हो रहे हैं। वहीं लोगों का कहना है कि इस समस्या के संबंध में कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई और खराब हैंडपंपों की अभी तक मरम्मत और रिबोर ना होने से शुद्ध स्वच्छ पेयजल की समस्या बनी हुई है।
गोन्डा जिले में बिजली, पानी, सड़क की बेहतर हो सुविधा-उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक
(समस्त सिक्रेटरी एवं लेखपाल व बीट सिपाही को गांव दिलाकर टीवी मरीजों का करें पहचान)
रिपोर्ट दिलीप भटट गोन्डा।
*गोन्डा।* उपमुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश श्री बृजेश पाठक जी सर्किट हाउस गोंडा में स्वास्थ विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि जनपद में बिजली, पानी, सड़क, की व्यवस्था बहुत ही गुणवत्तापूर्ण होनी चाहिए तथा उन्होंने यह भी कहा कि जनपद के समस्त विद्यालयों में अध्यापक समय से पहुंचे और बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान की करे। उन्होने कहां की टीवी के मरीजों का चिन्हकरण करने केे लिए चिकित्सको, पैरामेडिकल, ग्राम पंचायत अधिकारी, लेखपाल व पुलिस विभाग के बीट सिपाही को भी लगाया जाय। उन्होने कहा इनको जनपद के गांवों को गोद दिलाकर टीवी मरीजों को चिन्हित करके उनको बेहतर इलाज मुहैया करायें। उन्होने कहा कि अस्पताल में आने वाले मरीजों विशेष ध्यान रखे उनको किसी भी प्रकार की समस्या न हो तथा प्रत्येक सीएचसी/ पीएचसी पर दवा की उपलब्धता के साथ ही पेयजल आदि की व्यवस्था अच्छी से करायी जाय।
उन्होंने कहा है कि जिला अस्पताल व सीएचसी एवं पीएचसी में साफ-सफाई की व्यवस्था बेहतर होनी चाहिए। अस्पताल में इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर की ड्यूटी व नेम लिस्ट चस्पा की जाय तथा सभी सीएचसी व पीएचसी के गेट पर डॉक्टर व स्टाफ की नेम लिस्ट अनिवार्य रूप से चस्पा की जाए। जिला अस्पताल व सीएचसी एवं पीएचसी के समस्त डॉक्टर व स्टाफ अपने- अपने दायित्वों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा से करें।
उन्होंने कहा कि कोविड को देखते हुए क कोविड अस्पताल को पूरी तरह से डॉक्टर एवं स्टाफ के साथ सक्रिय रखा जाए तथा दवा आदि की व्यवस्था उपलब्ध रखा जाय।
तदोपरांत मा० उपमुख्यमंत्री जी ने निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज गोण्डा का भी निरीक्षण किया तथा संबंधित को निर्देशित किया कि तय समय सीमा के अन्दर गुणवत्ता पूर्ण निर्माण कराया सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर मा० विधायक सदर गोंडा प्रतीक भूषण सिंह, मा० विधायक करनैलगंज अजय कुमार सिंह, जिलाधिकारी डॉक्टर उज्ज्वल कुमार, पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी, सिटी मजिस्ट्रेट अर्पित गुप्ता, जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार, सांसद प्रतिनिधि संजीव सिंह, जिला अध्यक्ष अमर किशोर कश्यप, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आर.एस. केसरी, आदि सहित अन्य संबंधित अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।