योगी सरकार में भी घोटाले का खेल बदस्तूर जारी
(ग्रामसभा पहाड़ापुर में बिना कार्य कराये पशु शेड के नाम पर बड़े पैमाने पर हुआ फर्जीवाड़ा)
(ब्लॉक हलधरमऊ में जमकर हुऐ घोटाले और शासकीय धन के बंदरबांट से जुड़ा है मामला)
रिपोर्ट दिलीप भटट गोन्डा।
कर्नलगंज, गोण्डा। भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के प्रति भले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीरो टॉलरेन्स की बात कर रहे हैं परंतु जमीनी हकीकत कुछ और ही है।इसे अधिकारियों की संवेदनहीनता कहें या निरंकुश शासन प्रणाली जिसके चलते सरकारी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। वहीं नित नए भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने से अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठ रहा है। मामला विकास खंड हलधरमऊ का है, जहां पशुशेड निर्माण के नाम पर जमकर शासकीय धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। हलधरमऊ अन्तर्गत एक ग्राम पंचायत में पशु शेड व बकरी शेड निर्माण पर सरकारी धन का आहरण कर लिया गया, लेकिन एक वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी निर्माण नही कराया गया है। जिसकी शिकायत जिलाधिकारी से की गई है। प्रकरण विकास खंड हलधरमऊ अन्तर्गत ग्राम पहाड़ापुर से जुड़ा है। यहां के निवासी मनोज कुमार शुक्ला ने जिलाधिकारी को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया है। जिसमे कहा गया है कि वर्ष 2020- 21 में ग्राम पंचायत पहाड़ापुर में बिना पशु शेड का निर्माण कराये ही सरकारी धन का आहरण करके बंदरबांट कर लिया गया है जो इस प्रकार है- दिनाँक 21.10. 2020 को मनरेगा योजना के तहत अनिल के पशु शेड पर 68,569 रूपया, संतोष के पशु शेड पर 62,572 रुपया, लल्लू मौर्य का 68,549 रुपया, इकबाल अहमद का 56,684 रुपया, अन्नू के पशु शेड पर 79,000 रुपये का भुगतान जेके ट्रेडर्स एवं अन्य संस्था को किया गया है। वहीं दिनाँक 30.11.2019 को सीसी रोड से हनुमानगढ़ी तक इंटरलॉकिंग कार्य पर 1,84,116 रुपये का भुगतान व दिनाँक 25.10.2021 को फ़ुटेह महादेव स्थान पर मड़हा व मिट्टी पटाई के नाम पर 64,686 रुपये का भुगतान ग्राम निधि द्वारा किया गया है। मनोज कुमार शुक्ला ने संपूर्ण प्रकरण की स्थलीय जांच कराकर कार्रवाई किये जाने की मांग की है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार यदि ग्रामसभा में विकास कार्यों व अन्य योजनाओं के तहत कार्यों की गहनता से निष्पक्ष जांच हो तो बड़े पैमाने पर हुए शासकीय धनराशि के बंदरबांट एवं फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो सकता है। उक्त संबंध में खंड विकास अधिकारी रामाज्ञा मौर्य ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में नही है। वहीं ग्राम पंचायत अधिकारी विजय लक्ष्मी सिंह ने बताया कि वर्ष 2020-21 का यह प्रकरण उनके कार्यकाल का नही है, इसलिये स्थलीय जांच व सत्यापन करने के पश्चात ही कुछ बताया जा सकता है।