नेकी कर दरिया में डालो, सेवा करो, फल प्रभु पर छोड़ दो, उसका दिया फल होगा बड़ा और मीठा

जयपुर (राजस्थान) अपने अपनाए हुए जीवों की पूरी जिम्मेदारी लेने वाले, इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 3 जुलाई 2023 प्रातः जयपुर (राजस्थान) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि हमारे देश के लोगों को अपनी चिंता है। चाहे वह समाज की सेवा करने वाले हो, चाहे वह राजनीति में हो, चाहे वह कहीं भी किसी भी पद पोस्ट पर हो, अपनी चिंता है। अपनी चिंता अगर कोई करेगा तो समझो देश की चिंता कैसे कर पाएगा? मन तो एक ही है, मन जहां लगेगा वही तो काम कराएगा। इसलिए हम यह चाहते हैं, जो भी करो दरिया में डालो, नेकी करो दरिया में डालो। फल की इच्छा मत करो। काम करो, सेवा करो, फल उस मालिक पर छोड़ दो। वह जो तुमको फल देगा, जो तुम्हारे चाहने से फल नहीं मिलेगा, उससे बड़ा फल, मीठा फल मिल जाएगा।

महाराज जी 30 जून 2023 सांय जयपुर (राजस्थान) में गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम में बताया कि गुरु वाक्य का पालन आप कितना करते हो, यह आप देखो। गुरु भक्त कहा जाए कौन है तो सब कहोगे हम गुरु भक्त हैं। हम गुरु भक्ति में, गुरु के नाम पर, गुरु का पूजन करने के लिए आए हैं। गुरु की बातें जो सतसंग में बताई जाएगी, उसको सुनने के लिए हम आए हैं तो हम गुरु भक्त हैं।। पर आदेश का पालन नहीं कर रहे हो तो बने रहो अपने मुंह मिट्ठू। अपने आप अपनी तारीफ करें तो बने रह जाओ। चूक जाओगे तो पछताओगे। आया अवसर निकल जाएगा। इसलिए चूकने की जरूरत नहीं है। कर्मों को सेवा के द्वारा काटना जरूरी है। सेवा जब नहीं बन पाती है तो भजन के द्वारा कटवाया जाता है। भजन ध्यान सुमिरन से कर्म कटते हैं। कर्म के फांस में चक्कर में नामदानी सतसंगी भी आ जाते हैं और पुनर्जन्म लेना पड़ता है। मनुष्य शरीर में दूसरे के यहां जाना पड़ता है। पैसे वाले लोग उसी में फंसे रहते हैं। 99 के चक्कर में ही रहते हैं। और उसी में उनके जीवन का समय निकल जाता है। लेकिन सतगुरु जिसको नाम दान देते, पकड़ते हैं, उसको छोड़ते नहीं है। एक जन्म, दो, तीन, चार जन्म लग जाए, छोड़ते नहीं है। प्रथम जन्म गुरु भक्ति कर, दूसरे जन्म में नाम, तीसरे जन्म में मुक्ति पद, चौथे में निज धाम। चार-चार जन्मो में पार किए हैं, छोड़ते नहीं है। क्या करते हैं? गरीब घर में जन्म दिला देते हैं। कहावत है दिन भर मांगे तो दीया (छोटी कटोरी जैसा) भर मिले। बहुत से लोग बहुत मेहनत करते हैं लेकिन कहते हैं तरक्की नहीं कर पाते हैं। बस रोटी दाल ही चलता रहता है। रोटी दाल तो चलती रहेगी और आगे कुछ नहीं हो पाएगा। कहते हैं मुफलिसी में भजन होता है तो मुफलिसी आ जाएगी तब तो भजन करोगे। इसलिए असला निशाना यह बनाओ कि भजन और सेवा के द्वारा कर्मों को काटेंगे।

महाराज जी ने 2 जुलाई 2023 सायं जयपुर (राजस्थान) में बताया कि बैलगाड़ी चली जा रही थी। बैलगाड़ी की नीचे छाया देखकर के कुत्ते भी इसके नीचे छाया में चलने लगा। तब कुत्ता सोचा मैं ही बैलगाड़ी खींच रहा हूं। और तेजी से चलने की कोशिश किया। आगे बढ़ने पर बैल का पैर जब कुत्ते के शरीर में लगा तो निकल कर भगा और दूर खड़े होकर के देखा तो मैं तो यहां खड़ा हुआ हूं और बैलगाड़ी अभी भी चली जा रही है। यही भ्रम और भूल है कि गृहस्थी की गाड़ी मैं चला रहा हूं। कोई नहीं चला रहा है, वह प्रभु चला रहा है।

महाराज जी ने 2 जुलाई 2023 प्रातः जयपुर (राजस्थान) में बताया कि भारत का इस समय का संविधान इतना जटिल हो गया है कि न्याय और सुरक्षा अगर कोई चाहे कि हम दे देंगे तो दे नहीं सकता है। क्योंकि संविधान बहुत पहले जब देश आजाद हुआ था, तब बना था। तब से और अब तक बहुत बड़ा परिवर्तन हो गया है। प्रकृति में, मनुष्य में परिवर्तन हुआ, हर क्षेत्र में बदलाव हुआ। इसीलिए जब तक बदलाव नहीं होगा तब तक अगर कोई कहे कि इस नियम-कानून के रहते-रहते हम को सुख शांति मिल जाएगी तो बड़ा कठिन है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!