डीएम ने जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक में परिवार कल्याण कार्यक्रमों में धीमी प्रगति पाए जाने पर जताई नाराजगी

कौशाम्बी। डीएम सुजीत कुमार ने सीएमओ कार्यालय सभागार में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक की।बैठक में डीएम ने परिवार कल्याण कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान अपेक्षित प्रगति न पाये जाने पर नाराजगी प्रकट करते हुए सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को कार्ययोजना बनाकर लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
बैठक में जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि 96 प्रतिशत लाभार्थियों का भुगतान किया जा चुका है, जिस पर डीएम ने शेष लाभार्थियों का भी भुगतान शीघ्र कराने के निर्देश दियें। उन्होंने संस्थागत प्रसव में अपेक्षित प्रगति लाने तथा जननी सुरक्षा योजना के तहत आशाओं का भुगतान शीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दियें।

उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया कि 01 अप्रैल 2023 से अब तक आशाओं द्वारा कराये गये संस्थागत प्रसव की विस्तृत समीक्षा किया जाय, समीक्षा में लापरवाही पाये जाने पर सम्बन्धित आशाओं के विरूद्ध कार्यवाही किया जाय। इसके साथ ही उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि वीएचएसएनडी सेशन पर आवश्यक सामग्री लेकर न जाने वाली/लापरवाही बरतने वाली एएनएम को चिन्हित कर कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित किया जाय।उन्होंने रोगी कल्याण समिति की समीक्षा के दौरान अपेक्षित व्यय न पाये जाने पर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि नियमानुसार मदों में व्यय में प्रगति लायी जाय।

बैठक में जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता आकाश दीप ने बताया गया कि संयुक्त जिला चिकित्सालय, कौशाम्बी में अन्य जनपदों की 300 गर्भवती महिलाओं के प्रसव हुए है, जिसमें से जनपद फतेहपुर की 165, जनपद चित्रकूट की 78, जनपद प्रयागराज की 38 तथा अन्य जनपदों के 19 सम्मिलित हैं।

डीएम ने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को माइक्रोप्लॉन बनाकर नियमित टीकाकरण में प्रगति लाने तथा आर0सी0एच0 पोर्टल, ई-कवच एवं मंत्रा ऐप पर शत-प्रतिशत फीडिंग सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दियें। उन्होंने मातृ-मृत्यु सूचना एवं आडिट की समीक्षा के दौरान जिला समन्वयक, यूनिसेफ से कहा कि विगत 05 वर्षों में हुई मातृ मृत्यु केसों का विस्तृत अध्ययन कर आख्या उपलब्ध करायी जाय। उन्हांने पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत नियमित रूप से अल्ट्रासाउण्ड सेन्टरों की जॉच करने के भी निर्देश दियें।

बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत माह अक्टूबर में कुल 2543 गर्भवती महिलाओं की जॉच की गई, जिसमें 211 अति जोखिमग्रस्त गर्भवती महिलाओं का भी उपचार किया गया। बैठक में बताया गया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक कुल 4 लाख 60 हजार से अधिक गोल्डेन कार्ड बनाये जा चुकें हैं, जिस पर जिलाधिकरी ने जिलापूर्ति अधिकारी एवं जिला पंचायतराज अधिकारी से समन्वय कर गोल्डेन कार्ड बनाये जाने के कार्य में और तेजी लाने के निर्देश दियें।

डीएम द्वारा राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर, मातृ-मृत्यु सूचना एंव आडिट, प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान, राष्ट्रीय कुष्ठ रोग कार्यक्रम एवं क्षय रोग नियन्त्रण कार्यक्रम आदि की प्रगति की भी विस्तृत समीक्षा की गई।

इस अवसर पर सीएमओ डॉ0 सुष्पेन्द्र कुमार, सीएमएस सुनील शुक्ला सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहें।

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