सॉयल हेल्थ कार्ड से मिट्टी को मिल रहे उचित पोषण से किसानों के जीवन में आ रही है खुशहाली : कैलाश चौधरी
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बजट सत्र के दौरान संसद में विभिन्न संसद सदस्यों के खेती किसानी से जुड़े सवालों के दिए जवाब
नई दिल्ली
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने मंगलवार को बजट सत्र के दौरान संसद में देश के विभिन्न संसद सदस्यों के खेती किसानी से जुड़े सवालों के जवाब दिए। फूलपुर (उत्तर प्रदेश) से भाजपा सांसद केसरी देवी पटेल सहित विभिन्न संसद सदस्यों ने केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी से खेतों में रासायनिक उर्वरकों के छिड़काव, डीएपी खाद की उपलब्धता एवं जैविक खेती को लेकर सवाल पूछे। इसके जवाब में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि रासायनिक उर्वरकों के अधिक प्रयोग से जमीन को बचाने तथा जैविक खेती के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने को लेकर काम कर रही है। कैलाश चौधरी ने बताया कि सॉयल हेल्थ कार्ड योजना के माध्यम से भी बीते 7 सालों में करीब 23 करोड़ किसानों ने इसका लाभ लिया है।
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि 2015 में शुरुआत के बाद से अब तक लगभग 23 करोड़ किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड वितरित किए गए हैं। इससे न सिर्फ मिट्टी के पोषण को बढ़ावा मिला है बल्कि फसल की उत्पादकता भी बढ़ी है। इससे निश्चित रूप से किसानों के जीवन में भी खुशहाली आई है। कैलाश चौधरी ने कहा कि इस योजना से मिट्टी के पोषण को बढ़ावा मिला है और किसान सशक्त हुए हैं। सॉयल हेल्थ कार्ड की वजह से किसानों के बीच मिट्टी की गुणवत्ता को लेकर जागरूकता बढ़ी है। इसकी मदद से किसानों को उपज बढ़ाने के लिए उपयुक्त फसल चुनने में मदद मिली है। वहीं देश भर में 11 हजार 531 नई सॉयल टेस्टिंग लैब खोले गए हैं, जिससे मृदा विश्लेषण क्षमता 1.78 करोड़ से बढ़कर 3.33 करोड़ सैंपल प्रति वर्ष हो गई है।
डीएपी में सब्सिडी के माध्यम से किसानों को राहत : वहीं खाद की उपलब्धता एवं सब्सिडी के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि डीएपी के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में अत्यधिक वृद्धि होने के बावजूद केंद्र सरकार ने किसानों को राहत देते हुए लगातार डीएपी पर सब्सिडी देने का कार्य किया है। कैलाश चौधरी ने बताया कि किसानों को राहत देने की दिशा में आगे बढ़ते हुए केंद्र सरकार ने डीएपी खाद पर सब्सिडी को 1212 रुपये से बढ़ाकर 1662 रुपए प्रति बोरी कर दिया था, जिसकी वजह से किसानों को अब भी DAP की एक बोरी पहले की ही तरह 1,200 रुपये में ही मिल रही है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वहीं डीएपी की कालाबाजारी रोकने तथा किसानों को उसकी उपलब्धता एवं उपयोगिता का पूरा लाभ दिलाने के लिए नीम कोटेड यूरिया का प्रचलन शुरू किया गया।