बुद्धि सही निर्णय लें इसके लिए शाकाहारी रहना बहुत जरूरी है
अयोध्या(उ.प्र)इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 7 दिसम्बर 2023 दोपहर अयोध्या (उ.प्र.) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि आजकल बहुत लोग पूजा-पाठ, यज्ञ, हवन, जप-तप कर रहे, तमाम अनुष्ठान हो रहा लेकिन फिर भी तकलीफ नहीं जा रही है। मैं किसी की आलोचना नहीं करता हूं लेकिन सही बात कहने में भी संकोच नहीं करता हूं। अभी यहां अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा उद्घाटन होने वाला है। जिनका मन अंडा खाने में लगा हुआ है, वह अंडा ही खोजेंगे। मछली खाने वाले जहां 99% लोग हैं बंगाल में और भी जगहों पर, वो तो यही पता लगाएंगे कि जहां मछली मिल जाए, वही होटल खोजेंगे।
यह शरीर मानव मंदिर है, इसी में भगवान मिलता है
जितने भी महात्मा आए, सब लोगों ने बताया, हमारे गुरु महाराज ने भी कहा इसी मनुष्य शरीर में भगवान मिलता है। मनुष्य शरीर के रहते-रहते भगवान का दर्शन होता है। इसको छोड़ने के बाद न आज तक किसी को भगवान का दर्शन हुआ, न होगा। जब इसी को गंदा कर लोगे तो पूजा उपासना करोगे तो वो कबूल नहीं होगी।
मुर्दा मांस खान से बनने वाला गंदा खून रग रग में है
किसी मंदिर में लैट्रिन पेशाब गंदगी पड़ी हो तो कोई पूजा-पाठ नहीं करता। कोई भी धार्मिक अनुष्ठान हो, मंदिर बनाना हो, यज्ञ भागवत करना हो, कोई भी प्राण प्रतिष्ठा उद्घाटन करना हो तो जमीन को शुद्ध करना होता है। क्यों करते हैं कि यहां पर पूजा पाठ करें तो हमको इसका फल, फायदा मिल जाए। लेकिन इस मानव मंदिर को क्यों गंदा करते हैं? मानव मंदिर को साफ रखना चाहिए। इसके अंदर मुर्दा मांस नहीं डालना चाहिए। यह प्राकृतिक नेचुरल है कि पेट में जो चीज डाली जाती है, उसी से शरीर की परवरिश होती है, खून बनता है। वह जो मुर्दा मांस, मछली, अंडा डाला, जीवों की ह्त्या का पाप लगा ही लगा, वह जो गंदी चीज पेट में गई उससे जो खून बना, वह खून तो रग-रग में है।
जो पेट के अंदर डालोगे उसी से बुद्धि बनती है
जीभ, उंगली, शरीर का कोई भी अंग काटोगे या सुई चुभोओगे तो खून निकलेगा। यह सिद्धांत है कि जो खाओगे उसी का खून बनता है। खून तो बना मुर्दा मांस से। कहते हैं खून की कमी हो गई, कमजोरी हो गई, चक्कर आ रहा है, दिमाग काम नहीं करता है तो बुद्धि किससे चलती है? शरीर के अंदर जो खून रहता है, उससे बुद्धि बनती है। बुद्धि को सही रखने के लिए। बुद्धि संकल्प विकल्प करती है, जो विकल्प खोजती है, बुद्धि न खोजे, बुद्धि सही निर्णय ले, इसके लिए शाकाहारी रहना बहुत जरूरी है।