संवाददाता राधेश्याम गुप्ता
उतरौला बलरामपुर।
लोक आस्था, पवित्रता और सूर्योपासना का महापर्व छठ पूजा श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में व्रति और सनातन धर्म प्रेमी बंधु श्री दुःख हरण नाथ मंदिर पोखरे पर एकत्र हुए। सूर्य की आराधना का यह पर्व विशेष रूप से महिलाओं द्वारा बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है, जिसमें वे सूर्य देवता से सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करती हैं।
पर्व के दौरान व्रतियों ने विशेष पूजा अर्चना की और छठी मैया से यह प्रार्थना की कि इस महापर्व के माध्यम से उनके जीवन में नवीन सात्विक ऊर्जा का संचार हो, जो उन्हें उज्जवल भविष्य, सरलता, स्वास्थ्य, दीर्घायु, समृद्धि और दानशीलता का आशीर्वाद दे। साथ ही, व्रति और श्रद्धालु यह कामना करते हैं कि सूर्योपासना से उनका जीवन धैर्य, शौर्य, वीरता, सुख, शांति, यश, वैभव, ख्याति, सम्पदा, धन और सफलता से रोशन हो जाए।
श्री दुःख हरण नाथ मंदिर पोखरे पर इस विशेष दिन पर हर्षोल्लास का माहौल था, जहां व्रतियों ने न केवल सूर्य देवता की पूजा की बल्कि विशेष रूप से उबटन, स्नान और सूर्य अर्घ्य की परंपराओं का पालन किया। पोखरे के किनारे पर श्रद्धालुओं ने एकत्र होकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विशेष आशीर्वाद की प्रार्थना की।
यह महापर्व सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख अवसर है, जो न केवल शारीरिक और मानसिक शुद्धि के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी सहेजने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इस पर्व के आयोजन में स्थानीय निवासियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और पर्व की दिव्यता में अपने जीवन को रमणीय बनाने का संकल्प लिया।
छठ पूजा का यह पर्व हर वर्ष की तरह इस बार भी श्रद्धा, भक्ति और सामाजिक एकता का प्रतीक बना, और व्रति अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना लेकर घर लौटे।