संवाददाता राधेश्याम गुप्ता
सादुल्लानगर(बलरामपुर) स्थानीय क्षेत्र के लौकिया ताहिर में स्थित बाबा लौकिया में रामलीला के सातवें दिन की प्रमुख घटना के रूप में राम कलावा, राम बनवास,शूर्पणखा प्रसंग का मंचन किया गया, जिसने दर्शकों का मन मोह लिया। यह दृश्य रामायण के प्रमुख घटनाक्रमों में से एक है, जब राक्षसी शूर्पणखा लक्ष्मण के क्रोध का शिकार होती है। यह प्रसंग न केवल शूर्पणखा के किरदार को दिखाता है, बल्कि राम, लक्ष्मण और सीता के आपसी संबंध और उनके धैर्य, संयम तथा निर्णय क्षमता को भी उजागर करता है।
शूर्पणखा का पात्र मंच पर आते ही अपने भाव-भंगिमाओं और संवादों से दर्शकों का ध्यान आकर्षित करती है। मंच की सजावट में पंचवटी के जंगल की झलक दिखाई देती है, जहां राम, लक्ष्मण और सीता अपने वनवास के समय निवास कर रहे हैं। शूर्पणखा की एंट्री एक तीव्र ध्वनि और रोशनी के साथ होती है, जो उसकी क्रूरता और छल-कपट को दर्शाती है।
शूर्पणखा का परिचय और प्रस्ताव
शूर्पणखा राम को देखकर मोहित हो जाती है। वह राम के प्रति अपने प्रेम का इज़हार करते हुए उनसे विवाह का प्रस्ताव रखती है। राम संयमित और शालीनता के साथ उसका प्रस्ताव ठुकरा देता है और शूर्पणखा को यह समझाने की कोशिश करता है कि वह पहले से ही विवाहित हैं। लेकिन राम जी की एक नही सुनती है और कहती है कि तुम सम पुरूष नहि मम सम नारी रची विधाता ने त्रिरूपुरारी लेकिन रा म जी जब विवाह का प्रस्ताव नही मानने पर सीता को कुदृष्ट देखने पर लक्ष्मण जी ने सूर्पणखा का नाक काट दिया। इस तरीके मंचन खरदूषण बध, सीता हरण व सुग्रीव राम मित्रता की लीला दिखाया गया।
प्रमुख पंकज सिह चौहान ने राम के आदर्शो का बखान किया।
इस अवसर पूर्व ब्लाक प्रमुख महंत वीरेंद्र दास, ब्लॉक प्रमुख पंकज सिंह चौहान, ब्लॉक प्रमुख राकेश तिवारी, नवनीत ओझा, अरविद उपाध्याय, अन्नु ओझा,कौशल किशोर ओझा, कृष्णा तिवारी, विनोद कृष्ण शास्त्री ,रमेश तिवारी, दीपचंद जायसवाल, रवि पांडेय, दिलीप ओझा, आदर्श तिवारी, रमेश चौहान व प्रीतम अविनाश त्रिपाठी सहित अन्य दर्शक लीला देखकर मंत्रमुग्ध हो गई।