-गंगा घाट से करौली आश्रम के लिए निकली दंडवत यात्रा
रामकिशोर यादव लखनऊ ब्यूरो चीफ
कानपुर: करौली शंकर महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होने से लाखों करोड़ों लोगों के जीवन से दुखों का अंत हुआ और उनके जीवन में एक नए ऊर्जावान जीवन की शुरुआत हुई है. करौली शंकर महादेव के ऐसे तमाम भक्त देश विदेश में अपना जीवन खुशी खुशी यापन कर रहे हैं और देश-विदेश से ऐसे भक्त पद यात्रा एवं दंडवत यात्रा कर के दरबार में करौली शंकर महादेव को धन्यवाद करने एवं उनका आशीर्वाद प्राप्त करने आते हैं. बड़ी तादात में ऐसे भक्त हैं जिनके जीवन को करौली शंकर महादेव का सानिध्य एवं उनका प्रेम प्राप्त हुआ. इन्हीं भक्तों ने करौली शंकर महादेव को धन्यवाद देने, बलि प्रथा खत्म करने और नशा मुक्त समाज बनाने के लिए आज कानपुर में सरसैया गंगा घाट से लगभग पांच हजार से अधिक भक्तों ने पैदल दंडवत यात्रा का प्रारंभ किया.
यात्रा की शुरुआत से पहले भक्तों ने मां गंगा का स्नान और हवन पूजन किया. बता दे की यह दंडवत यात्रा आज गंगा घाट सरसैया से फूलबाग, बिराहना रोड, घंटाघर किदवई नगर होते हुए करौली आश्रम पहुंचेगी. दंडवत यात्रा में भारत के विभिन्न प्रदेशों और शहरों से बड़ी तादात में युवा, बुजुर्ग, बच्चे, महिलाएं और कन्याएं सम्मिलित हैं. सभी भक्त करौली शंकर महादेव की जय के जयकारों के साथ में दंडवत यात्रा कर रहे हैं. भक्तों का कहना है की बाबा, मां और करौली शंकर महादेव के आशीर्वाद से उनका जीवन धन्य हुआ है.
सोमवार को शुरू हुई थी ‘रोग मुक्त शोक मुक्त भारत’ पदयात्रा
बता दें की करौली शंकर महादेव धाम से सोमवार को ‘रोग मुक्त शोक मुक्त भारत’ बनाने के लिए पदयात्रा निकाली गई। ये पदयात्रा विभिन्न जगहों से होते हुए सरसैया घाट पर पहुंची। यहां करौली शंकर महादेव ने श्रद्धालुओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर बलि प्रथा को बंद किया जाना चाहिए। हमें संकल्प लेना है कि हम धर्म के नाम पर जीव हत्या नहीं करेंगे। इस अवसर पर करौली शंकर महादेव ने मां गंगा की आरती की और दुग्ध-दही आदि से मां गंगा का अभिषेक भी किया। साथ ही उन्होंने मां गंगा से शिष्यों के पूर्वजों की मुक्ति की कामना की। यात्रा में शामिल लोग हर हर महादेव, ओम नमः शिवाय और हरि हर का उद्घोष कर रहे थे। जग जगह यात्रा का स्वागत किया गया।
रोग मुक्त शोक मुक्त के लिए जरूरी है कि शाकाहारी आहार
करौली शंकर महादेव का कहना है कि भारत की उन्नति तभी होगी जब यहां का प्रत्येक नागरिक निरोगी होगा, शोक से मुक्त होगा, रोग से मुक्त होगा, रोग मुक्त शोक मुक्त हर कोई हो इसके लिए जरूरी है कि वह शाकाहारी आहार ग्रहण करें और अपने विचारों को भी उत्तम बनाए।